Iran-Russia: ईरान के परमाणु प्रोग्राम को रूस का साथ मिला है. रूस ने परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था IAEA से ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज की निगरानी मामले पर निष्पक्ष रुख अपनाने को कहा है.
दरअसल, ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर पश्चिमी देश लगातार दबाव बना रहे हैं. वहीं यहूदी देश इजरायल ने कसम खाई है कि वह ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा. साथ ही अमेरिका समेत यूरोपीय देश ईरान पर गुपचुप तरीके से परमाणु प्रोग्राम चलाने का आरोप लगा रहे हैं.
ईरान के साथ आया रूस
ईरान में समर्थन में रूस ने अपने बयान में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था को मामले का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने कहा है कि आईएईए को ईरान की न्यूक्लियर गतिविधियों की निगरानी को लेकर निष्पक्षता बरतनी चाहिए. आईएईए को पश्चिमी देशों के दबाव के आगे झुकना नहीं चाहिए.
‘पश्चिमी देशों के दबाव के आगे न झुके आईएईए’
TASS न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जखारोव ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि IAEA बिना राजनीति किए, पश्चिमी कैंप की विकृत चाल के सामने झुके बिना निगरानी के लिए जरूरी अपने तकनीकी आदेश के फ्रेमवर्क के तहत निगरानी की निष्पक्षता और उद्देश्य को सुनिश्चित करने में सक्षम होगा. रूस ने आगे कहा कि ईरान और IAEA के बीच रचनात्मक सहयोग के लिए हम इसे एक जरूरी गारंटी के रूप में देखते हैं. हमने इसका हमेशा से समर्थन किया है.
IAEA चीफ ने ईरान को लेकर किया था बड़ा दावा
दरअसल, रूस का यह बयान आईएईए के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रोसी के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बिना किसी सबूत के कहा था कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है. राफेल ग्रोसी के इस बयान पर ईरान ने कड़ी आपत्ति जताई थी. ईरानी अधिकारियों ने ग्रोसी को पक्षपाती बताया था.
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