अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में लंच और… पाक के पूर्व विदेश मंत्री ने बताई मनमोहन सिंह की चाहत

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Pakistan on Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार, 26 दिसंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया. 92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह ने दिल्‍ली एम्‍स में अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उन्‍हें याद किया जा रहा है. दुनियाभर के नेता उन्‍हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इसी क्रम में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भी स्‍वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपने संबंधों को याद किया.

महमूद कसूरी ने कहा कि डॉ.‍ सिंह को इतिहास में एक ऐसे व्‍यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए स्‍वयं को समर्पित कर दिया था.

याद किया मनमोहन सिंह का बयान

83 वर्षीय कसूरी नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने पूरे SAARC क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाया. उन्होंने इस बात का तर्क देते हुए मनमोहन सिंह का एक बयान याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में लंच और काबुल में रात का खाना संभव होगा.

डॉ. मनमोहन सिंह के दौर में काम करने का अवसर

पूर्व विदेश मंत्री कसूरी ने शुक्रवार को लाहौर में PTI को इंटरव्‍यू दिया. इस इंटरव्यू में कसूरी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा बने, जिसमें दोनों देशों के बीच (भारत-पाक) शांति वार्ता में तेजी आई. कसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान लोगों के बीच जुड़ाव में जबरदस्त बढ़ोत्‍तरी हुई, जिसके फलस्‍वरूप दोनों सरकारों के बीच आपसी विश्वास बढ़ा.

महमूद कसूरी ने बताया कि मनमोहन सिंह की शांति की कोशिश से उन्हें जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान के लिए संभावित खाका तैयार करने में भी सहायता मिली. उन्होंने साफ किया कि यह प्रक्रिया उस समय शुरू हुई थी जब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और भारत के अटल बिहारी वाजपेयी दोनों संबंधित सरकारों का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि डॉ. मनमोहन सिंह ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अपना दिल और आत्मा लगा दी.

अपने जन्म स्थान जाना चाहते थे मनमोहन सिंह

कसूरी ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित अपने जन्मस्थान गाह का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की थी. कसूरा ने कहा कि उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह को आश्वासन दिया था कि पाकिस्‍तान में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा.

कसूरी ने उम्मीद जताई कि एक दिन स्‍व. पीएम मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के लिए मनमोहन सिंह के जन्मस्थान का दौरा करना संभव होगा. इसके अलावा मनमोहन सिंह के निधन पर कसूरी ने उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही भारत के लोगों के प्रति भी हार्दिक संवेदना व्यक्त की.

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