Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भारतीय संस्कृति में- सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम्, उपासना करने वाली संस्थाएं अपने समाज में हैं। यह तीनों हैं पत्रकार, कथाकार और कलाकार। पत्रकार सत्य का उपासक है, कथाकार शिव का उपासक है और कलाकार सुन्दर का उपासक है। कथाकार से मतलब है- सम्पूर्ण धर्मसंस्था। जो हमारे धर्मक्षेत्र के महापुरुष हैं ,उपदेशक हैं।
समाज के मूल्यों के प्रति लोगों की निष्ठा बनी रहे, नीति में लोगों की निष्ठा बनी रहे, इसका प्रयत्न कर रहे हैं। पत्रकार अपनी लेखनी के माध्यम से, कथाकार अपने कंठ के माध्यम से और कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को सतर्क, जागृत रखने का प्रयत्न करते रहते हैं। यह तीनों का दायित्व भी है। आज भी धर्म में लोगों की प्रीति है। हम चाहे अपने जीवन में न ला पायें किन्तु यह तो स्वीकार करते हैं कि बात सही है।
बात बिल्कुल सही है किन्तु समस्या को समझने के बाद उसको सुलझाने के लिए सक्रिय होना यही सत्संग का हेतु है।सज्जन बनो, सक्रिय सज्जन बनो और संगठित सक्रिय सज्जन बनो तो समस्या नहीं रहेगी। समाज को दुर्जनों की दुर्जनता से उतना नुकसान नहीं है जितना सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ है। अब समस्या यह है कि भारत का सज्जन निष्क्रिय बैठा है। दुर्जनों की दुर्जनता समस्या नहीं है। सज्जनों की निष्क्रियता यह समस्या है। व्यक्ति सज्जन बने, सक्रिय बने और संगठित बने। उनमें एकता हो तो समस्या का समाधान सरल है।
सत्यम् के उपासक पत्रकार, शिवम् के उपासक कथाकार और सुंदरम् के उपासक कलाकार। इन सबका दायित्व है, कर्तव्य है समाज को जागृत करें। ऐसी-वैसी चीजों को टी-वी- में दिखाकर समाज को वासना में मूर्छित न करें, उन्हें जागृत करें, वासना में मूर्छित कर उन्हें सुलाने वाली बात हुई जबकि कर्तव्य यह है कि उन्हें जगायें। आज संतों की वाणी को पत्रकार जन-जन तक पहुंचाते हैं। इसी वाणी को टी0वी0 के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास हो रहा है।
यह आवश्यक है, सराहनीय है, इसका स्वागत है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).