SpaDeX Mission: स्पेस में ISRO की नई उड़ान, आज रात 9.58 बजे लॉन्च करेगा ये दो सेटेलाइट

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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SpaDeX Mission: आज 30 दिसंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और कीर्तिमान रचने जा रहा है. दरअसल, ISRO आज रात 9:58 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट को लॉन्च करेगा. इन उपग्रहों को पीएसएलवी-सी60 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. अगर इसरो का ये मिशन सक्सेसफुल हो जाता है, तो भारत ये उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.

क्या है इस मिशन का मकसद

जानकारी के मुताबिक, इस मिशन का मकसद स्पेस में डॉक यानी जोड़ने और अनडॉक यानी अलग की तकनीक का परीक्षण करना है. ISRO का ये मिशन इस साल का आखिरी मिशन है. इसरो के अधिकारियों ने बताया कि इसरो का रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), दो उपग्रहों एसडीएक्स-एक और एसडीएक्स-दो को 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा. इसके बाद इन उपग्रहों के माध्यम से ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपरिमेंट'(स्पेडेक्स) जनवरी के पहले हफ्ते में होगी.

भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा ये मिशन

इस मिशन को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा,”ये मिशन भारत को उन देशों के समूह में शामिल करेगा, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को सफलतापूर्वक उपयोग में ला चुके हैं. ये मिशन भारत के भविष्य के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे, जिसमें पृथ्वी पर चंद्रमा से चट्टानें और मिट्टी लाना, प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारना शामिल है. अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है.”

स्पेडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य

ISRO के एक अधिकारी ने कहा, स्पेडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य दो छोटे उपग्रहों (एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02) की डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीक का परीक्षण करना है, जो लो-अर्थ ऑर्बिट में एक साथ जुड़ेंगे. मिशन का दूसरा उद्देश्य यह साबित करना है कि डॉक किए गए उपग्रहों के बीच बिजली का ट्रांसफर कैसे किया जा सकता है. ये तकनीक अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, डॉकिंग से अलग होने के बाद समग्र अंतरिक्ष यान नियंत्रण और पेलोड संचालन के लिए आवश्यक है.

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