Pakistan: पाकिस्तान मं एक बार फिर PoK के लोगों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है. पाक अधिकृत कश्मीर की नीलम घाटी में पुलिस ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी आर्मी की आलोचना करने के आरोप में दो पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों को गिरफ़्तार किया है.
कॉलेज प्रिंसिपल ने दर्ज कराई शिकायत
पुलिस अधीक्षक ख्वाजा मोहम्मद सिद्दीकी ने बताया कि सरकारी गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर ये गिरफ्तारियां हुई हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान स्थानीय पत्रकार हयात अवान और मीडिया कार्यकर्ता वसीम ख्वाजा के तौर पर की गई है. इनको रविवार को हिरासत में लिया गया.
कॉलेज प्रिंसिपल ने 3 दिसंबर, 2024 को अथमुकाम के सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. 10 दिसंबर को प्रिंसिपल की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था. एफआईआर में साइबर क्राइम एक्ट, टेलीग्राफ एक्ट और धमकी या धमकी से संबंधित धाराओं में आरोप शामिल हैं.
पत्रकार पर आरोप
शिकायत में आरोप है कि पत्रकारों ने कॉलेज की छात्राओं को युवा जुड़ाव और कौशल विकास कार्यक्रम के तहत शूटिंग टेस्ट के लिए आर्मी शिविर में भेजे जाने के बाद सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार अभियान चलाया था. प्रिंसिपल जुबैदा बशीर ने दावा किया कि हयात अवान, वसीम ख्वाजा और अजहर मुगल ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम को गलत तरीके से दिखाया. शिकायत में दोनों पत्रकारों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की गई है.
गिरफ्तारी की निंदा
इस गिरफ्तारी को लेकर पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने कड़ी निंदा की है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश सैयद मंज़ूर-उल-हसन गिलानी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सम्मान और प्रतिष्ठा आचरण से अर्जित की जाती है, आवाज़ों को चुप कराकर नहीं.
नीलम प्रेस क्लब के अध्यक्ष जावेद असदुल्लाह ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि पुरुष अभिभावकों के बिना सैन्य शिविर में छात्रों के प्रशिक्षण के बारे में स्थिति साफ करने के बजाय, प्रिंसिपल ने एक एफआईआए दर्ज कराई, जिसकी वजह से दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया. इस घटना ने प्रेस की स्वतंत्रता और क्षेत्र में संवेदनशील मुद्दों को उजागर करने में सोशल मीडिया की भूमिका के बारे में चिंताएं खड़ी कर दी है.
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