India-Maldives Relations: मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून 8 से 10 जनवरी तक भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर है. इसी बीच बुधवार को नई दिल्ली में मोहम्मद घासन मौमून के साथ भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. हालांकि इससे पहले मौमून को मानेकशॉ सेंटर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
इस दौरान राजनाथ सिंह ने माले की विकास परियोजनाओं और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति में भारत के बिना शर्त समर्थन को दोहराया. साथ ही मौमून के साथ अपनी आखिरी मुलाकात को याद किया जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नई दिल्ली की राजकीय यात्रा पर थे.
दरअसल, इस समय भारत मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरणों और भंडारों की आपूर्ति के लिए प्रशिक्षण, नियमित अभ्यास, कार्यशालाओं और सेमिनारों सहित रक्षा सहयोग के सभी क्षेत्रों में मालदीव को क्षमता निर्माण के रास्ते पेश कर रहा है. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि हम वही गति जारी रखें.
विकास आवश्यक्ताओं पर जारी रहेगा समर्थन
भारत परियोजनाओं, उपकरणों और प्रशिक्षण के जरिए से मालदीव और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को उनके क्षमता निर्माण प्रयासों में समर्थन देना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि एक विश्वसनीय भागीदार और करीबी दोस्त के रूप में मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारत मालदीव की विकास आवश्यकताओं और उसके लोगों के कल्याण पर समर्थन करना जारी रखेगा.
द्विपक्षीय संबंधों को मिली एक नई दिशा
वहीं, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति की यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा प्रदान की है, और यात्रा के दौरान जारी संयुक्त विज़न दस्तावेज़ दोनों देशों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है. संबंध हमेशा घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण और बहुआयामी रहे हैं. मालदीव ने भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत एक विशेष स्थान पर कब्जा कर लिया, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाना था.
इसे भी पढें:-एस जयशंकर ने बताईं एससीओ की प्राथमिकताएं, कहा- आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसे दानवों के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे