Iran New Capital: इस्लामिक देश ईरान अपनी राजधानी बदलने जा रहा है. ईरान ने तेहरान की जगह तटीय शहर मकरान को अपनी राजधानी बनाने का ऐलान किया है. ईरान के इस कदम का मकसद तेहरान की अधिक आबादी, बिजली और पानी की कमी जैसे घरेलू मुद्दों से निपटना है, लेकिन यह भारत के लिए एक शानदार मौका माना जा रहा है. क्योंकि मकरान के राजधानी बनने से भारत को यहां तक सीधी और आसान पहुंच मिलेगी.
मकरान की रणनीतिक स्थिति
ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित मकरान रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपर्ण है. इससे भारतीय उद्योगों को मिडिल ईस्ट और मध्य एशिया के बाजारों तक सीधी पहुंच मिलती है. राजधानी बदलने का ऐलान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है, जब भारत मध्य एशिया में पहुंचने के लिए नए रास्ते की खोज में है. इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा.
नए व्यापार मार्ग के लिए खास
कैस्पियन सागर से मकरान तक पाइपलाइनें परिवहन लागत को कम करेंगी, जिससे भारत के लिए कम कीमत और अधिक विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित होगी. भारत-ईरान-तुर्की कॉरिडोर के लिए मकरान बेहद अहम है. यह भारत को सीधे यूरोप से जोड़ता है और इसमें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप (IMEC) कॉरिडोर और चीन के बीआरआई का विकल्प बनने की क्षमता है. इससे पारंपरिक समुद्री मार्गों पर निर्भरता कम होगी और तेज एवं सुरक्षित व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है. मकरान के पास ही भारत ने चाबहार बंदरगाह को विकसित किया है.
रूस और भारत के लिए खास है मकरान
मकरान क्षेत्र रूस और भारत के बीच ऊर्जा सौदा के लिए बेहद खास है. मुख्य रूप से जब यूरोप में रूसी ऊर्जा खरीद कम होने के वजह से मॉस्को एशिया पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. साथ ही यह उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय गलियारे के लिए महत्वपूर्ण है, जो भारतीय और रूसी अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है.
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