प्रयागराज: प्रयागराज में ‘ब्रह्मकुमारीज स्वर्णिम भारत ज्ञान कुंभ 2025’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर 7 कुंभ मेला क्षेत्र बजरंगदास मार्ग प्रयागराज में हुआ. कार्यक्रम में शिरकत करने ब्रह्मकुमारीज उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय ने शिरकत की. इस दौरान ब्रह्मकुमारीज बहनों ने अंगवस्त्र देकर उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में चैतन्य देवियों की झांकी होलोग्राफिक डिस्प्ले, लेजर शो आदि चीज हुई, जो प्रयागराज कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बेहतरी के लिए लगाया गया.
ब्रह्मा कुमारीज एक मुहीम
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, ” ब्रह्म कुमारीज के बारे में जहां तक हम जानते हैं, हमारी बहनों ने अपना सारा जीवन भारत की संस्कृति को पुनर्जागृत करने के लिए लगाया है. हमारी जो गौरवशाली परंपरा है, जिससे हम विमुख हुए हैं. इस कलयुग में दोबारा उसको प्राप्त करने और जन-जन में अलख जगाने के लिए हमारी बहनों ने पूरी दुनिया के पैमाने पर एक मुहीम छेड़ रखी है. उसी क्रम में आज महाकुंभ में पावन स्थल पर ब्रह्म कुमारीज द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें हमने देखा कि, जो विकृतियां मानव शरीर में घर करती जा रही हैं, उन विकृतियों से हम कैसे दूर हो सकते हैं. वह कौन-कौन सी विकृतियों हैं, उनको चल चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है.
डिप्टी सीएम ने दी शुभकामनाएं
डिप्टी सीएम के कहा कि इसमें बताया गया है कि कौन से सुधार करने के बाद हमारी आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाएगी. ये सब कुछ आप इस पंडाल में देख सकते हैं. उद्घाटन के मौके पर मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं और आभार प्रकट करता हूं. जो लोग भी महाकुंभ में आ रहे हैं, उन सबकी इच्छा है कि वह मोक्ष को प्राप्त करें. इसमें ये काफी मददगार साबित होगा.
भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी ने कहा
कार्यक्रम के दौरान भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय ने ब्रह्म कुमारीज के बारे में दो बातें कही. उन्होंने कहा कि एक बात का पता चलता है कि जो ब्रह्मकुमारीज या ब्रह्मा कुमार बनता है, उसके अंदर जीव मात्र और मनुष्य मात्र के लिए प्रेम और गहरा हो जाता है. उनके अंदर प्रेम और मानव मात्र के लिए भाव होता है. वह स्वार्थ के उठा होता है. एक दिन वह परमात्मा में जाकर मिल जाता है.
बहुत कुछ भागने से नहीं मिलता ठहर जाने से मिलता है: सीएमडी उपेन्द्र राय
दूसरी बात ब्रह्म कुमारीज में यहां आने पर मुझे यह पता चला कि संसार में चाहे जितनी भाग दौड़ हो, जितनी भी तेजी हो वहां हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में बहुत कुछ भागने से नहीं मिलता ठहर जाने से मिलता है यानी ध्यान से मिलता है. जब बारिश आती है तो तमाम नदी नालों को देखिए तेजी से बहते हैं. लगता है कहीं मंजिल पा लेंगे, लेकिन आगे जाकर गिर जाते हैं. वहीं, समंदर एक कदम भी ज्यादा नहीं बढ़ता है. प्रकृति के अस्तित्व का बड़ा हिस्सा ठहरा हुआ है एक योगी की तरह. वह नहीं बढ़ता. ब्रह्म कुमारीज हमें सिखाते हैं कि स्वत: मान नहीं लेना है, बल्कि जानने की दिशा में भी प्रयास करना है.
हमने किसी मंसूर और फरीद को फांसी नहीं लगाई: सीएमडी उपेन्द्र राय
इस दौरान भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा कि हिंदू धर्म से उधर धर्म पृथ्वी पर नहीं उतरा. हमने किसी मंसूर और किसी फरीद को फांसी नहीं लगाई. हमने किसी पर पत्थर नहीं फेके. हालांकि हमारे मन को थोड़ा हताशा निराशा हुई, कोई संप्रदाय या उपधर्म आ गया लेकिन हमने किसी को फांसी पर नहीं चढ़ाया. हमने उसको गले लगाया और सम्मान दिया. सहमत रहते हुए भी उसे सहमति दिखाई. शंकराचार्य भगवान बुद्ध के बहुत विरोधी थे, लेकिन शंकराचार्य ने बुद्ध के बारे में जो विमर्श और चीजें लिखी हैं शायद वैसा विरोधी स्वभाव का होते हुए भी किसी दूसरे ने ऐसा नहीं लिखा.
सभी धर्म सनातन का हिस्सा: सीएमडी उपेन्द्र राय
इतिहास के हिसाब से सनातन धर्म करीब करीब 11,000 साल पुराना धर्म है. सनातन धर्म के सामने कई धर्म पैदा हुए. बौद्ध, जैन या कोई धर्म हो यह धर्म भारत भूमि से पैदा हुए. इस्लाम 14 हजार साल पुराना धर्म है. इसाई ढाई हजार साल पुराना धर्म है. यहूदी 3000 साल पुराना धर्म है. यह सभी धर्म स्वर्ग नरक की सीढ़िया तक जाकर फंस गए, लेकिन पूरी पृथ्वी पर सनातन हिंदू धर्म ही केवल मोक्ष की बात करता है. इसके पीछे भी बड़ा कारण था, क्योंकि सनातन धर्म को जो समय और गहराई मिली, वैसी समय की गहराई और लंबाई किसी और धर्म को नहीं मिली. जिन धर्म का उदय हुआ है, उन्हें गहराई में जाकर देखें, तो वह सभी सनातन धर्म के हिस्से हैं.
जब इस्लाम का जन्म ही नहीं हुआ, तब से कुंभ हो रहा है
आज प्रयागराज में बात चल रही है कि वक्त बोर्ड की जमीन महाकुंभ में है. इसको लेकर भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा कि जब इस्लाम का जन्म ही नहीं हुआ था, तब से कुंभ हो रहा है इस धरती पर. इस दौरान एक शेर की माध्यम से उन्होंने अपनी बात रखी, “सिर पर टोपी, गले में क्रॉस, माथे पर तिलक लगाती है, प्रयाग में सियासत भी संगम नहाती है.”