US imposed sanctions on Russia: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जाते-जाते रूस को बड़ा झटका दिया है. जो बाइडेन अपने आखिरी कार्यकाल में रूस पर नए ऊर्जा प्रतिबंध लगा दिए हैं. ये प्रतिबंध यूक्रेन के समर्थन में लगाया गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर बड़े पैमाने पर पाबंदी लगाए हैं, ताकि यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने और मॉस्को के खिलाफ लड़ने में सहायता मिल सके.
दो भारतीय कंपनियों पर भी पाबंदी
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को उन सभी कंपनियों और संस्थाओं पर बैन लगा दिए जो ऊर्जा, मुख्य रूप से गैस के निर्यात में रूस की मदद करती है. अमेरिका की इस कार्रवाई में दो भारत की कंपनियां शामिल हैं. प्रतिबंध से संबंधित लिस्ट में बताया गया है कि दो भारतीय कंपनियों ‘स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज’ पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
इस वजह से लगाया प्रतिबंध
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ये प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं, ताकि इनका रूसी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़े. इसके साथ ही पुतिन के लिए युद्ध लड़ना और भी कठिन होगा. जो बाइडेन ने कहा कि हो सकता है कि गैस के दाम 0.03 से 0.04 अमेरिकी डॉलर प्रति गैलन तक बढ़ जाएं, लेकिन इससे रूस की युद्ध लड़ने की क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.
मुश्किल स्थिति में पुतिन
व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में जो बाइडेन ने कहा कि मेरा मानना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस वक्त मुश्किल स्थिति में हैं. यह वास्तव में अहम है कि उन्हें उन भयानक कार्यों को करने के लिए कोई अवसर न मिले जो वह लगातार कर रहे हैं. उनके सामने आर्थिक और राजनीतिक समस्याएं हैं.
ट्रंप ने कही थी जंग खत्म कराने की बात
जानकारी दें कि जो बाइडेन के प्रशासन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह रूस के बेहद महत्वपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र के खिलाफ प्रतिबंधों का विस्तार कर रहा है. यह यूक्रेन-रूस के बीच लगभग तीन साल से जारी जंग को लेकर मॉस्को के लिए परेशानी खड़ी करने की नई कोशिश है. यह ऐलान ऐसे वक्त में किया गया है जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप संबंधित युद्ध को जल्द खत्म करने की बात कही है.
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