गाजीपुर के युवा समाजसेवी सिद्धार्थ राय को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर लखनऊ के लोक भवन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच युवा सम्मान ‘विवेकानंद अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. बता दें कि सिद्धार्थ पिछले पंद्रह वर्षों से समाज सेवा का कार्य करते आरहे हैं.
सिद्धार्थ राय को सामाजिक कार्यों के लिए पहले भी भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इस सम्मान को प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ गाजीपुर के पहले युवा हैं. कार्यक्रम में प्रदेश सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीशचंद्र यादव भी मौजूद रहे. सभी ने सिद्धार्थ राय के कार्यों की प्रशंसा की.
सामाजिक कार्यों के लिए सिद्धार्थ ने छोड़ दी नौकरी
आपको बता दें कि सिद्धार्थ राय की प्रारंभिक शिक्षा गाजीपुर से हुई. उसके बाद उन्होंने मथुरा से मैनेजमेंट में स्नातक और फिर रायपुर से एमबीए किया और यहां पर सबसे अधिक नंबर लाकर गोल्ड मेडल प्राप्त किया. शिक्षा के दौरान ही वह सामाजिक कार्यो से जुड़ गए और पढ़ाई के साथ-साथ मथुरा में मजदूरों के बच्चों को शाम के समय पढ़ाना शुरू किया. पढ़ाई के बाद एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौंकरी मिली और एरिया मैनेजर का पद भी मिला, लेकिन सिद्धार्थ राय ने तीन साल बाद त्याग पत्र दे दिया और अपने सामाजिक कार्यों में पूर्ण रूप से लग गए.
15 वर्षों से सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं
सिद्धार्थ राय सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए आज उनको 15 वर्ष हो गए. इतने वर्षों में ऐसा कोई भी दिन खाली नहीं गया, जब वह अपने सामाजिक कार्यों से एक भी दिन के लिए दूर हुए हो. जैसे किसी के लिए किताब पढ़ना शौक हो सकता है, वैसे ही अलग-अलग लोगों से मिलना इनका प्रिय कार्य है. ग़रीब-असहाय लोगों की परेशानी को देखते हुए सैकड़ों लोगो के लिए व्यतिगत शौचालय उनके घर पर बनवा कर दिए.
रोजगार के लिए लोगों को उपलब्ध कराई गुमटी
रोजगार के लिए गुमटी खरीदकर बहुत से लोगों का रोज़गार शुरू करवाया. पढ़ाई का शौक रखने वाले चार सौ से अधिक बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में दाखिला करवा कर पूरा करवा रहे हैं. सैकड़ों बहनों की हर साल शादी करवाते हैं. लोगों से पुराने कंप्यूटर जुटा कर उसको सही करवा कर वर्षों से गांव-गांव में कई निःशुल्क कंप्यूटर सेंटर चलवा रहे हैं.
लोगों की परेशानी सुनने के लिए सिद्धार्थ ने लगवाए हैं लेटर बाक्स
कोई भी ग़रीब – जरूरतमंद हो, बस उन्हें सिद्धार्थ राय से मिलने पर ही उनकी परेशानी का हल हो जाएगा, लेकिन अगर किसी को मिलने में कठनाई है तो ऐसे लोगों के लिए सिद्धार्थ राय के द्वारा अलग-अलग गांव के चट्टी-चौराहों पर लेटर बॉक्स लगवाए गए हैं, जिसमे लोग अपने परेशानी लिख कर डालते हैं और उन सभी लगे हुए बॉक्स को हर तीसरे दिन खोला जाता है और लिखी गई चिट्ठियों को पढ़कर लोगों की यथा संभव मदद भी की जाती है.
नगर की सड़कों पर चलते हुए सिद्धार्थ राय द्वारा लगाए गए पौधे, जो अब वृक्ष बन चुके हैं, उनकी छाँव का आनंद लिया जा सकता है. तमाम सामाजिक कार्यों को करने में अपनी युवा अवस्था को समर्पित कर रहे ऐसे समाजसेवी का सम्मान होना गाजीपुर के लिए गौरव की अनुभूति है.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय युवा दिवस: CM योगी बोले- अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करें