पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय, कहा- ‘कवि असली और नकली के बीच की जिंदगी जीता है’

Ujjwal Kumar Rai
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Chief Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुस्तक विमोचन और कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया. ‘है दिल की बात’ किताब के विमोचन समारोह और ‘दिव्य कवि-सम्मेलन’ कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री बालेश्वर त्यागी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं संस्थापक गौर ग्रुप एवं साहित्य भूषण डॉ बी. एल. गौड़, महाकवित्री डॉ मधु चतुर्वेदी मौजूद थे. इस दौरान लोकप्रिय कवि मृत्युंजय साधक के गज़ल संग्रह ‘दिल की बात’ का विमोचन किया गया.

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा

‘दिव्य कवि-सम्मेलन’ कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय को माला पहनकर अंगवस्त्रम् और मोमेंटो देकर जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं, अगर कवि अगर इस दुनिया में न होते तो दुनिया बिल्कुल रसविहीन होती. उन्होंने कहा कि कवि भावनाओं की दुनिया का शासक होता है. वह इस पर शासन करता है. इस हिंसावादी दौर में कवि दूसरों के मन और दिल में उतरकर ये बताता है कि प्रेम में जीतने की जगह हार जाना भी बड़ा अच्छा होता है. मैंने ये देखा है कि जितने अच्छे कवि हुए, उनके अंदर बड़ी कमाल की विनम्रता रही. क्योंकि उनका मन न जीतने में रस लेता है, न हारने में रस लेता है. उनका मन सिर्फ इस बात में रस लेता है कि ऐसा क्या करें कि आम आदमी थोड़ा सा खुश हो और उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाए.

भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा, “हम लोग जिस तरह सोचते हैं कवि वैसा नहीं सोचता. कवि को लोगों की बात बुरी लगती है, लेकिन वह उसका जवाब बुराई से नहीं देता है. वह कहता है कि जीवन छोटा है. हम यहां सदा के लिए नहीं आए हैं, तो दुश्मनी की जगह क्यों न मैत्री स्थापित की जाए. इसलिए वह कठोर भाषा का जवाब भी मखमल जैसी भाषा से देता है. वह सोचता है कि क्यों न दिल में रोश पैदा करने की जगह प्रेम पैदा किया जाए.

उन्होंने कहा कि हमारा असली चेहरा वही होता है, जो जन्म से पहले का होता है. जब तक हम इस दुनिया में जीते हैं, वह इस दुनिया द्वारा बनाया हुआ नकली चेहरा होता है. कवि इस असली और नकली के बीच की जिंदगी जीता है. कवि इन विचारों को जीते हुए औरों के लिए रास्ता दिखाता है.

सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा कि कवि मृत्युंजय साधक की किताब की कुछ लाइनें उन्हें बहुत अच्छी लगी. उनका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हर हृदय में एक सा शक्ति पीर हूं, जोड़ दे जो सबको वही जंजीर हूं” मुझे लगता है कि हमारा असली ज्ञान वही है, जो हमारे अनुभव से गुजर गया, बाकी सारी बातें और किताबी ज्ञान दूसरों का उधार है. कवि का ज्ञान वह अपनी कलम से निकलता है, जो उसका अपना अनुभव होता है. कवि मर्म की उस गहराई को जीता है.

मृत्युंजय साधक की कविताएं दिल को छूने वाली: सीएमडी उपेन्द्र राय

भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा, “मृत्युंजय साधक की सारी कविताएं दिल को छूने वाली हैं. किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं किताब का पन्ना पलट रहा था, किताब बहुत अच्छी लगी. कुछ लाइनें अच्छी लगीं, पढ़ देता हूं… इस कसौटी पर कसा जो वह खड़ा रह जाएगा, इस धारा का इस धरा पर सब धरा रह जाएगा. उन्होंने कहा कि जो विचार मेरे मन में आए हैं, वह सारी बातें मृत्युंजय जी ने अपनी किताब में लिखी हैं. उन्होंने कहा, “डर गया हो मौत से जो, वह मरा रह जाएगा”.

साहित्य भूषण डॉ बी. एल. गौड़ ने कहा

इस दौरान साहित्य भूषण डॉ बी. एल. गौड़ ने कहा, “दुनिया में आप अगर कुछ लेना चाहते हैं, तो माता-पिता का आशीर्वाद लें. आज मैं आपके सामने खड़ा हूं, जो कुछ भी हूं माता-पिता के आशीर्वाद से ही हूं. उनके आशीर्वाद ने मुझे 0 से शिखर तक पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि मां तो मां होती है, बस इस धरती के सब देवों से थोड़ा ऊपर होती है.” उन्होंने कहा कि मृत्युंजय की रचना बहुत अच्छी लगी.

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