दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम, महाकुंभ मेला 2025 में उत्तर प्रदेश पुलिस उन्नत तकनीक की सहायता से लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके सुचारू आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेले के विशाल क्षेत्र में हवाई निगरानी और भीड़ प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 11 टेथर्ड ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं।
टेथर्ड ड्रोन की भूमिका
टेथर्ड ड्रोन, जो केबल के माध्यम से ग्राउंड स्टेशन से जुड़े होते हैं, निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राप्त करते हैं, जिससे ये लगातार 12 घंटे तक निगरानी कर सकते हैं। ये ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं और 3 किलोमीटर के दायरे को कवर कर सकते हैं। नवीनतम थर्मल और आईआर कैमरों से सुसज्जित ये ड्रोन दिन और रात दोनों समय 4K लाइव फुटेज के साथ अद्भुत ज़ूम क्षमता (36x ऑप्टिकल और 8x डिजिटल) प्रदान करते हैं।
महा कुंभ 2025 में तैनाती
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4 टेथर्ड ड्रोन यूपी पुलिस के सुरक्षा विभाग द्वारा तैनात किए गए हैं।
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4 ड्रोन यातायात निदेशालय ने वाहनों की सुगम आवाजाही के लिए तैनात किए हैं।
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3 ड्रोन आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) द्वारा उन्नत खतरों का पता लगाने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
ड्रोन, सुरक्षा और कुशलता कैसे सुनिश्चित कर रहे हैं
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भीड़ प्रबंधन: थर्मल इमेजिंग और लाइव वीडियो फीड के माध्यम से अधिकारियों को भीड़ की सघनता की निगरानी और रेलवे स्टेशनों सहित प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर भीड़ के प्रवाह को प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
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यातायात प्रबंधन: वास्तविक समय निगरानी, उच्च-घनत्व वाले क्षेत्रों से यातायात को मोड़ने और भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करती है।
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संदिग्ध गतिविधि का पता लगाना: उच्च-गुणवत्ता वाली छवियां, सुरक्षा उल्लंघनों और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान में सहायता करती हैं, जिससे अपराधों को रोका जा सके।
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आपातकालीन प्रतिक्रिया: ग्राउंड कंट्रोल रूम को तत्काल डेटा प्रसारण से आपात स्थिति में तेजी से निर्णय लेने की सुविधा मिलती है।
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मैनपावर का प्रबंधन: ड्रोन से प्राप्त डेटा का उपयोग पुलिस कर्मियों की तैनाती और वीआईपी सुरक्षा को बेहतर करने के लिए किया जाता है।
टेथर्ड ड्रोन की इस अभिनव तैनाती ने न केवल भीड़ प्रबंधन को सुदृढ़ किया है, बल्कि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 24×7 सतर्कता भी सुनिश्चित की है।
हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम
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हवाई निगरानी के अलावा, हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिए तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है।
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दो RF-आधारित सिस्टम 8 किमी के दायरे में दुश्मन ड्रोन का पता लगाने और 2 किमी तक उनके सिग्नल को जाम करने में सक्षम हैं।
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एक रडार-आधारित सिस्टम 15 किमी दूर तक ड्रोन का पता लगा सकता है और 3 किमी के भीतर उन्हें निष्क्रिय कर सकता है।
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अब तक, 9 अवैध ड्रोन को निष्क्रिय किया गया है, जिसमें 6 मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन पकड़े गए थे। इनमें से एक ड्रोन रेड ज़ोन में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था, जिसे तुरंत रोका गया।
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एडीजी सुरक्षा रघुबीर लाल के निकट पर्यवेक्षण में, एसपी ट्रेनिंग और एसपी सुरक्षा, मेला क्षेत्र में तैनात रहकर टेथर्ड ड्रोन के संचालन की निगरानी कर रहे हैं।
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एडीजी ट्रैफिक सत्य नारायण और आईजी ट्रैफिक सुभाष दुबे ने ट्रैफिक विभाग के टेदरड ड्रोन की बारीकी से निगरानी की, जबकि एडीजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने एटीएस के ड्रोन की मॉनिटरिंग की।