भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में हुई असाधारण वृद्धि

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में असाधारण वृद्धि देखी गई है, जो एक शुरुआती चरण से नवाचार और उद्यमिता के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. आज 1,30,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथ – 2015-16 में लगभग 400 से अधिक- भारत की प्रगति उल्लेखनीय है. इस अवधि के दौरान, स्टार्टअप फंडिंग में 15 गुना वृद्धि हुई, निवेशकों की संख्या में नौ गुना वृद्धि हुई और इनक्यूबेटरों की संख्या में सात गुना वृद्धि हुई.
यह परिवर्तन भारत के मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के कारण है, जिसने सतत विकास लक्ष्यों को

प्त करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादकता में सुधार जैसी गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया है. भारत एक तकनीकी क्रांति की दहलीज पर खड़ा है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), बिग डेटा, ऊर्जा संक्रमण, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), क्वांटम कंप्यूटिंग, जीनोमिक्स, 3डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में अपार अवसर प्रस्तुत कर रहा है.

सरकार ने अनुसंधान और विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन जैसी पहलों के माध्यम से इस प्रगति को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है.

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