China population: चीन की जनसंख्या में लगातार तीन साल से गिरावट दर्ज की जा रही है, जो देश के लिए जनसांख्यकीय चुनौतियों की ओर इशारा कर रहा है. बता दें कि चीन दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जबकि पहले नंबर का खिताब भारत के नाम है.
देश की घटती आबादी को लेकर चीनी सरकार का कहना है कि ऐसा लगातार तीसरे साल हुआ है, जब देश की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है. यह देश के जनसांख्यकीय चुनौतियों की ओर इशारा कर रहा है, जो लगातार बूढ़ी होती आबादी और कामकाजी उम्र वाले लोगों की कमी से जूझ रहा है.
1.39 मिलियन की बड़ी गिरावट
बीजिंग में सरकार द्वारा घोषित आकंड़ों के मुताबिक, साल 2024 के अंत तक चीन की जनसंख्या 1.408 बिलियन थी. बीते साल के मुकाबले इसमें 1.39 मिलियन की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. ये आंकड़े दुनिया वैश्विक स्तर पर विशेष रूप से पूर्वी एशिया में, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग जैसे देशों का अनुसरण करते हैं, जहां इस वक्त जन्म दर में गिरावट देखी गई है.
कई मामलों में कारण समान
बता दें कि चीन इस गिरावट दर कि साथ तीन साल पहले जापान और पूर्वी यूरोप के उन अधिकांश देशों की सूची में शामिल हो गया, जिनकी जनसंख्या गिर रही है. चीन में इस गिरावट की वजह महंगाई को मानी जा रही है.
दरअसल, यहां जीवन यापन की बढ़ती लागत के वजह से ही युवा उच्च शिक्षा और करियर के दौरान शादी और बच्चे के जन्म को टाल रहे हैं या इससे इंकार कर रहे हैं. हालांकि लोग लंबे समय तक जीवित रह रहे हैं, लेकिन यह नए जन्म दर को बनाए रखने के लिए यह पर्याप्त नहीं है और यही वजह है कि चीन की जनसंख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे चीन की टेंशन बढ़ती जा रही है.
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