प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ, जो करीब डेढ़ महीने तक चलेगा, से उत्तर प्रदेश की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाई मिलेगी. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि देश की शीर्ष कंपनियां इस आयोजन के प्रचार-प्रसार में करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियानों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही भारतीय और स्थानीय उत्पादों के लिए नए बाजार तैयार होंगे.
ODOP उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी
महाकुंभ में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) की एक भव्य प्रदर्शनी लगाई गई है, जो 6,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली है. इसमें उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत को दर्शाने वाले कई जीआई-प्रमाणित उत्पाद शामिल हैं. प्रवक्ता ने बताया कि यहां वाराणसी की प्रसिद्ध बनारसी साड़ियां और ठंडाई, मिर्जापुर के पीतल के बर्तन, गोरखपुर की टेराकोटा कला, प्रतापगढ़ के आंवले के उत्पाद और अन्य जिलों के अनोखे सामान प्रदर्शित किए गए हैं.ये उत्पाद न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं बल्कि भारी मात्रा में खरीदे भी जा रहे हैं.
MSME विभाग ने इस आयोजन के दौरान करीब 35 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद जताई है. प्रवक्ता ने कहा कि ओडीओपी और जीआई उत्पादों पर यह फोकस सुनिश्चित करता है कि कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सीधे बिक्री और दीर्घकालिक मांग का लाभ मिले. इसके अलावा, इस आयोजन में अन्य राज्यों को भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराएं दिखाने का मौका मिला है. गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, दादरा नगर हवेली, नागालैंड और लेह जैसे राज्यों ने अपने रंग-बिरंगे पवेलियन से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई है.
ODOP योजना से यूपी बना Global Brand
2018 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना की शुरुआत की थी. प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना ने यूपी के जिलों के अनूठे उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई है. साथ ही, इससे कारीगरों और उनके परिवारों का जीवन स्तर सुधरा है. सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल, गोरखपुर की टेराकोटा कला, कुशीनगर के केले आधारित उत्पाद और मुजफ्फरनगर के गुड़ की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ी है. प्रवक्ता ने बताया कि ओडीओपी की सफलता ने सरकार को इस योजना का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया है.