केंद्र सरकार (Central Government) ने कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 315 रुपये बढ़ाकर 2025-26 विपणन सत्र के लिए 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस कदम से किसानों को उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 66.8% का रिटर्न मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि 2014-15 से अब तक कच्चे जूट का MSP ₹2,400 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹5,650 प्रति क्विंटल हो गया है.
इस अवधि में सरकार ने जूट किसानों को ₹1,300 करोड़ का भुगतान किया है, जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह राशि सिर्फ ₹441 करोड़ थी. जूट की खेती लगभग 40 लाख किसानों की आजीविका का स्रोत है और इसमें करीब 4 लाख लोग जूट मिलों और अन्य संबंधित कार्यों में काम करते हैं. पिछले वर्ष सरकार ने 1.7 लाख किसानों से कच्चा जूट खरीदा था. देश के कुल जूट उत्पादन में पश्चिम बंगाल का हिस्सा 82 प्रतिशत है
जबकि असम और बिहार का 9 प्रतिशत योगदान शामिल है. जूट निगम ऑफ इंडिया (जेसीआई) कच्चे जूट की कीमत समर्थन योजना के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी बनी रहेगी। इस योजना के तहत होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. यह कदम जूट किसानों को सहायता देने और इस उद्योग को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।