बुधवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, जो वैश्विक स्तर पर कार्यस्थल डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी है, अगले 10 वर्षों में उन्नत स्तरों पर पहुँच सकता है. सॉफ्टवेयर प्रमुख ज़ोहो की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 71% कर्मचारी पहले से ही डिजिटल परिपक्वता के उन्नत स्तरों पर हैं, जो वैश्विक औसत 61% से काफी अधिक है.
भारत का डिजिटल परिवर्तन परिपक्वता स्कोर 64.6% रहा, जो विकसित देशों और वैश्विक औसत 62.3% से आगे निकल गया. हालाँकि, भारत कार्यस्थल डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, लेकिन देश अभी भी साइबर सुरक्षा तत्परता से जूझ रहा है.
37% संगठन ही कर्मचारियों को प्रदान करते हैं साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण
ज़ोहो वर्कप्लेस के मार्केट स्ट्रैटेजी लीड रकीब रफीक ने कहा, “भारत में, सरकारी संस्थानों और बड़े उद्यमों को साइबर सुरक्षा अंतराल को दूर करने और सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी डिजिटल परिवर्तन रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करना होगा.” प्रगति के बावजूद, केवल 37% संगठन ही कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह आंकड़ा 44% तथा वैश्विक स्तर पर 41% है.
रफीक के मुताबिक, डिजिटल परिवर्तन की लहर को अपनाने वाले स्टार्टअप और उद्यमों को एक अग्रगामी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एकीकृत सुइट्स, एआई-संचालित एनालिटिक्स टूल और सुरक्षित संचार प्लेटफॉर्म जैसे नवाचार वर्तमान और भविष्य दोनों चुनौतियों से निपटने में सक्षम हों.
17% कम्पनियों के पास उपलब्ध हैं उन्नत ई-मेल सुरक्षा अलर्ट
रिपोर्ट में दुनिया भर के कार्यस्थलों की डिजिटल परिपक्वता का विश्लेषण किया गया. भारत का डिजिटल परिवर्तन परिपक्वता स्कोर 64.6% रहा, जो विकसित देशों और वैश्विक औसत 62.3% से अधिक है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारत में 33% संगठनों द्वारा सुरक्षित दूरस्थ कार्य दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है और आधे से भी कम दूरस्थ और हाइब्रिड कर्मचारी इन उपायों का पालन करते हैं.
जबकि 74% भारतीय कम्पनियां संदिग्ध ई-मेल की सूचना देने के लिए प्रणाली उपलब्ध कराती हैं, केवल 17% कम्पनियों के पास उन्नत ई-मेल सुरक्षा अलर्ट उपलब्ध हैं, तथा सरकार और विकास क्षेत्र इसे अपनाने में अग्रणी हैं. सर्वेक्षण में दुनिया भर के 5,000 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया, जिसमें डिजिटल अपनाने, कर्मचारी प्रदर्शन और कार्यस्थल उपकरण जैसे कारकों की जांच की गई.