Pavlo Palisa: रूस के साथ पिछले तीन साल से भी अधिक समय से जारी युद्ध में यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही भारी संख्या में यूक्रेनी सैनिक भी मारे गए है. ऐसे में अब यूक्रेन सैनिको की कमी की समस्या का सामना कर रहा है, जिससे निपटने के लिए यूक्रेन सुरक्षा बलों के भर्ती प्रक्रिया में बदलाव कर रहा है.
दरअसल, राष्ट्रपति कार्यालय में हाल में नियुक्त युद्धक्षेत्र कमांडर ने कहा है कि देश अपनी युद्ध क्षमता को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 18 से 25 साल के युवाओं को आकर्षित करने के लिए भर्ती सुधार प्रक्रिया के अंतिम चरण में है.
पहले भी भर्ती प्रकिया में किया गया था बदलाव
राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख कर्नल पावलो पालिसा ने पद संभालने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यूक्रेन नए भर्ती विकल्प तलाश रहा है, क्योंकि सोवियत काल से विरासत में मिली वर्तमान भर्ती प्रणाली प्रगति में बाधा बन रही है. हालांकि इससे पहले भी यूक्रेन ने कानून पारित कर भर्ती की आयु 27 वर्ष से घटाकर 25 वर्ष कर दी थी, लेकिन इन उपायों का उतना प्रभाव नहीं पड़ा है, जितना कि रूस से युद्ध में सैनिकों की संख्या बढ़ाने या युद्ध के मैदान में हुई क्षति की भरपाई करने के लिए आवश्यक था.
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन एक योजना पर काम कर रहा है, जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन, प्रशिक्षण की गारंटी और सैनिकों व उनके कमांडरों के बीच संवाद सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से 18 से 25 साल के युवाओं को आकर्षित करना है, जिन्हें फिलहाल सैन्य सेवा से छूट प्राप्त है.
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