‘ये मेरा सौभाग्य है…,’ महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हेमा मालिनी ने लगाई आस्था की डुबकी

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Mahakumbh Stampede Hema Malini Holy Dip: आज मौनी अमावस्या के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. इसी बीच बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने भी महाकुंभ में स्नान किया. इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अमृत स्नान किया.

हेमा मालिनी ने किया सभी का धन्यवाद

महाकुंभ में हेमा मालिनी ने संतों के साथ अमृत स्नान किया. ठंड के कारण पहली डुबकी लगाते ही हेमा मालिनी पीछे हट गईं. हालांकि, दूसरे प्रयास में एक्ट्रेस ने आस्था के साथ डुबकी लगाई. उनके साथ स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और बाबा रामदेव भी मौजूद थे. स्नान करने के बाद हेमा मालिनी ने कहा, ‘ये मेरा सौभाग्य है. बहुत ही अच्छा लगा है. इतने करोड़ों लोग आए हुए हैं. मुझे भी यहां पर स्नान का स्थान मिला. धन्यवाद.’

‘सनातन धर्म किसी भी धर्म का विरोध नहीं करता’

महाकुंभ में हेमा मालिनी कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के साथ सनातन धर्म संसद में पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘कुछ अज्ञानी लोग हैं जो हमारे सनातन धर्म और सनातनियों के बारे में बुरा-भला कहते हैं. कुछ गलत बातें कहते हैं. सनातन दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों का स्वागत करता है. सनातन धर्म किसी भी धर्म का विरोध नहीं करता है चाहे वह मुस्लिम हो या ईसाई.’

मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़

आज मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान किया जा रहा है. हालांकि, देर रात यहां भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए हैं. इस हादसे के बाद अमृत स्नान को भी रद्द कर दिया गया था. हालांकि, स्थिति के काबू होते ही कुंभ में स्नान जारी है.

‘धर्म की पहली विशेषता धैर्य है’

भगदड़ के बाद बाबा रामदेव ने कहा कि, ये सनातन का अमृत काल है… मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान जो लोग यहां हैं, उन्हें मौन रहना चाहिए और ध्यान, प्रार्थना और भजन में लीन होना चाहिए. उन्हें अपने दिल में कृतज्ञता रखनी चाहिए. जब इस तरह की भीड़ होती है, तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. अगर हर कोई सावधान रहेगा, तो सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहेगा. यहां आने वाले सभी भक्तों को धैर्य रखने की जरूरत है. धर्म की पहली विशेषता धैर्य है. भले ही हर कोई संगम जाना चाहता हो, लेकिन यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, इसलिए आप जहां भी हों, अपने निकटतम घाट पर जा सकते हैं क्योंकि संगम से पानी का प्रवाह प्रयागराज के हर घाट तक जरूर पहुंचेगा.’

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