Emergency in Myanmar: म्यांमार की सत्ता में बैठी सेना ने शुक्रवार (31 जनवरी) को देश में आपालकाल को और छह महीने के लिए बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसकी जानकारी म्यांमार के सरकारी मीडिया द्वारा दी गई है. बता दें कि म्यांमार सेना की ओर से आपातकाल को बढ़ाने की घोषणा म्यांमार में तख्तापलट के चार साल पूरे होने के एक दिन पहले की गई है.
तख्तापलट के बाद से ही गृहयुद्ध में उलझा म्यांमार
म्यांमार तख्तापलट ने देश को करीब एक दशक की अस्थायी लोकतंत्र के बाद अराजकता में धकेल दिया था, जिसके बाद से ही म्यांमार गृह युद्ध में उलझा हुआ है. म्यांमार की सेना द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की निर्वाचित नागरिक सरकार के तख्तापलट के बाद देश में स्थिति बेहद अस्थिर हो गई.
वहीं, सूत्रों के मुताबिक, म्यामांर की सैन्य शासन इस साल देश में आम चुनाव कराने की योजना बना रहा है, जिसे आलोचकों ने प्रॉक्सी के माध्यम से जनरलों को सत्ता में बनाए रखने का एक दिखावा कहा है.
सरकारी मीडिया ने क्या कहा?
दरअसल, म्यामांर मीडिया ने अपने एक रिपोर्ट में आपातकाल के समय में विस्तार की घोषणा के साथ ही कहा है कि “देश में आम चुनाव को सफलतापूर्वक कराए जाने के लिए अभी कई और काम किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि इस कार्यो में विशेष रूप से एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए देश में स्थिरता और शांति की अभी भी जरूरत है.”
2021 में म्यांमार की सेना ने किया था तख्तापलट
बता दें कि म्यांमार की सेना ने 1 फरवरी, 2021 को देश की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट किया था, जिसके बाद से ही देश के विभिन्न इलाकों में सैन्य शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं, कई इलाकों में तो उग्र प्रदर्शन भी हो रहे हैं. वहीं, अब म्यांमार की सत्तारूढ़ सैन्य शासन देश में एक स्थिर और निष्पक्ष आम चुनाव कराने की योजना बना रहा है. ऐसे में चुनाव की प्रक्रिया सही तरीके से सम्पन्न की जा सके इसके लिए उन्होंने आपालकाल के विस्तार का निर्णय लिया है. जिसे आलोचकों ने महज एक दिखावा बताया है.
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