UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेटलैंड डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. सीएम ने कहा कि आज का दिन जनपद गोंडा के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, जब यहां की एक प्राकृतिक झील को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कराने के उद्देश्य से वर्ल्ड वेटलैंड डे के अवसर पर यह कार्यक्रम यहां आयोजित है. अरगा-पार्वती नाम की दो प्राकृतिक झीलें वास्तव में प्रकृति के मूल स्वरुप की ओर ध्यान आकर्षित करती हैं. मुझे पहली बार यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है. मैं इधर से होकर गुजरता तो था, लेकिन यह भारत की उस विरासत की प्रतीक है, जो यहां पर घाघरा व सरयू नदी के कारण सैकड़ों वर्ष पहले प्राकृतिक झील के रूप में बनी. वह आज भी मौजूद है.
सीएम योगी ने कहा कि जितनी भी प्राकृतिक झील, यानी वेटलैंड होते हैं, यह हमारी पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण केंद्र होता हैं. यह भूजल संरक्षण के लिए सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ एवं सूखे पर नियंत्रण, कार्बन भंडारण के साथ ही जलीय वनस्पतियों, पक्षियों एवं प्राणियों के संरक्षण के साथ ही भोजन, संरक्षण व आजीविका का भी साधन उपलब्ध कराने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है. प्रकृति के मूल स्वरूप को अपनी ओर आकर्षित करने का माध्यम भी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताई कि अक्सर होता है कि इस तरह की जो साइट होती है, अतिक्रमण की चपेट में आती है. बेतरतीब निर्माण होने लगता है और उससे वहां पर पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है. आज इसका दुष्परिणाम तमाम वेटलैंड भुगत रहे हैं. बहुत सारे जीव-जंतु की प्रजातियां इसके कारण नष्ट होती हैं. इसी को ध्यान में रखकर रामसर साइट में वर्ष 1971 में यह तय हुआ था कि दुनिया को बचाना है तो हमें इस पर ध्यान देना होगा. रामसर ईरान के अंदर एक स्थल है.
सीएम ने बिना किसी दल का नाम लिए कहा कि देश की आजादी के बाद 65 वर्ष में मात्र 23 रामसर साइट के रूप में ही वेटलैंड को तैयार किया गया. इसके बाद बीते दस साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 65 नई रामसर साइट तैयार किया गया. अकेले उत्तर प्रदेश में कई वेटलैंड है. इन्हें संरक्षण करने को लेकर सरकार प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वेटलैंड को टूरिज्म से जोड़ने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हमने देखा यहां पर बहुत से पक्षी बैठे हुए थे. इसमें कुछ यहां के हैं तो कुछ हजारों किलोमीटर दूर से आए हैं. अपने साथ बहुत सारी यादें लेकर आते हैं. परिस्थति को लेकर आते है. कहा कि इससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. टूरिज्म रोजगार का एक बड़ा साधन बनता है.
अयोध्या के पर्यटन का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर है. वहां की व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया. कनेक्टिविटी बढ़ाई. वर्ष 2016 में अयोध्या में मात्र दो लाख 35 हजार श्रद्धालु आए. 2024 में यह संख्या 16 करोड़ 11 लाख हो गई. उन्होंने कहा कि जब पर्यटन बढ़ा तो वहां पर रोजगार बढ़ा. लोगों को रोजगार मिला.