‘हम उन्हें जो कुछ दे, उसके बदले वो…’, यूक्रेन की मदद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रख दी शर्त, की ये मांग

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Russia Ukraine War: रूस से जंग के बीच अब तक अमेरिका ने यूक्रेन की मदद की है, लेकिन‍ अमेरिकी सत्‍ता में ट्रंप के एंट्री होने के बाद यूक्रेन और अमेरिका के बीच कुछ तनातनी दिखाई दे रही है. वहीं, अब अमेरिका ने पूरा पासा ही पलट दिया है. दरअसल, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने यूक्रेन की मदद करने के लि‍ए शर्त रखी है.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ने संकेत दिया है  कि वह रूस के खिलाफ जंग में अमेरिकी समर्थन इस शर्त पर जारी रखने पर सहमत हैं कि यूक्रेन अपनी धरती पर मिलने वाले दुर्लभ खनिज तत्वों तक अमेरिकी पहुंच को लेकर समझौता करे.

ट्रंप ने यूक्रेन को दिया सुझाव

ट्रंप का कहना है कि अमेरिका ने यूक्रेन को अपने यूरोपीय सहयोगियों की तुलना में कहीं अधिक सैन्य और आर्थिक सहायता भेजी है. हम यूक्रेन के साथ एक ऐसा समझौता करना चाहते हैं, जिसके तहत हम उन्हें जो कुछ भी दे रहे हैं, उसके बदले में वो हमें अपने दुर्लभ खनिज तत्व दें. ट्रंप ने यूक्रेन को सुझाव दिया है कि उन्हें यूक्रेनी सरकार से यह संदेश मिला है कि वह आधुनिक उच्च प्रौद्योगिकी वाली अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण तत्वों तक अमेरिका को पहुंच प्रदान करने संबंधी एक समझौता करने के लिए तैयार है.

रूस और यूक्रेन के मामले में बहुत प्रगति

ट्रंप ने कहा कि मैं धरती पर मिलने वाले इन दुर्लभ खनिज तत्वों का संरक्षण चाहता हूं. हम सैकड़ों अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं. उनके पास बहुत बढ़िया दुर्लभ खनिज तत्व हैं, जिनका मैं संरक्षण चाहता हूं. वो ऐसा करने के लिए तैयार हैं.’’ वहीं, युद्ध को लेकर उन्‍होंने कहा कि हमने रूस और यूक्रेन के मामले में बहुत प्रगति की है. आगे देखते है कि क्‍या होता है.

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कही थी ये बात

हालांकि इससे पहले इस जंग को लेकर अमेरिका और रूस के बीच बातचीत को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि उनके देश की मौजूदगी के बिना अमेरिका और रूस के बीच कोई भी बातचीत अस्वीकार्य है. उनकी टीम ट्रंप प्रशासन के संपर्क में है, लेकिन ये चर्चाएं अभी ‘सामान्य स्तर’ पर हैं और उनका मानना ​​है कि अधिक विस्तृत समझौते के लिए आमने-सामने की बैठकें जल्द होंगी. जेलेंस्की ने आगे कहा कि हमें इस पर और काम करने की जरूरत है.

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