US News: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. सत्ता संभालते ही राष्ट्रपति ट्रंप से कई ऐसे फैसले लिए है जिससे अमेरिका ने सुर्खिया बटोरी है. हाल के दिनों में अमेरिका ने कई अहम अंतरराष्ट्रीय संगठनों से वापसी की है.
वहीं अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाली G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. विदेश मंत्री के इस ऐलान के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका जी-20 से भी अलग होने वाला है.
अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अमेरिका की वापसी
यह फैसला ऐसे वक्त में आया जब ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन एक-एक करके अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मंचों से दूरी बना रहा है. बीते कुछ दिनों में ट्रंप प्रसाशन ने अमेरिका को कई अहम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से हटने या उनकी भूमिका सीमित करने का फैसला किया है. इससे ग्लोबल लेवल की राजनीति में भारी उथल-पुथल मची हुई है.
I will NOT attend the G20 summit in Johannesburg.
South Africa is doing very bad things. Expropriating private property. Using G20 to promote “solidarity, equality, & sustainability.” In other words: DEI and climate change.
My job is to advance America’s national interests, not…
— Secretary Marco Rubio (@SecRubio) February 5, 2025
जानिए क्या G-20 से भी अलग होगा अमेरिका
अब जब अमेरिका ने जी-20 समिट में अपने विदेश मंत्री को नहीं भेजने का फैसला किया है, तो यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या ट्रंप इस आर्थिक मंच से भी अमेरिका को हटा सकते हैं. जी-20 को वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है, लेकिन ट्रंप प्रशासन बहुपक्षीय संगठनों की भूमिका पर लगातार सवाल उठाता रहा है.
अमेरिकी सरकार के इस फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है. यदि अमेरिका इस मंच से हटता है या अपनी भूमिका सीमित करता है, तो इससे चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय निर्णयों में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने का मौका मिल सकता है.
फैसलों से वैश्विक राजनीति पर खासा असर
अमेरिका के इन फैसलों से वैश्विक स्तर पर कई अहम बदलाव हो सकते हैं. पहला, बहुपक्षीय सहयोग कमजोर हो सकता है, जिससे वैश्विक समस्याओं का समाधान और मुश्किल हो जाएगा. दूसरा, चीन और रूस को फायदा मिल सकता है, क्योंकि अमेरिका की गैरमौजूदगी में वे अपनी पकड़ मजबूत करने में कामयाब हो सकते हैं. तीसरा, वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, क्योंकि अमेरिका जी-20 में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति है.
बहुपक्षीय मंचों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन?
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा ताबड़तोड़ लिए गए फैसलों से यह स्पष्ट हो रहा है कि उनका प्रशासन बहुपक्षीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों को अमेरिकी संप्रभुता के लिए खतरा मानता है. उनके समर्थकों का कहना है कि अमेरिका को अपने हितों के मुताबिक ही वैश्विक संगठनों का हिस्सा रहना चाहिए, जबकि आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिका की वैश्विक साख कमजोर होगी.
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