बरेलीः वर्ष 2004 में बरेली में दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालियों ने विवाहिता की गला का काटकर हत्या कर दी थी. फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने मामले इस में पति सहित तीन को दोषी माना और तीनों को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक दोषी पर 1.70 लाख जुर्माना भी लगाया है.
यह घटना एक मई 2024 की है, देवरनिया के रिछा निवासी मुसब्बर अली ने प्राथमिकी लिखाई कि उन्होंने अपनी बहन फराह की शादी करीब दो वर्ष पहले नवाबगंज निवासी मकसद अली से की थी. आरोप है कि शादी के बाद से ही पति मकसद अली, ससुर साबिर अली, सास मसीतन द्वारा ने उनकी बहन को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया. कम दहेज का ताना देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे.
आरोप है कि एक मई की शाम करीब चार बजे आरोपितों ने फराह की बांके से गला काटकर हत्या कर दी. सरकारी वकील ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए. कोर्ट ने मामले में पति, सास और ससुर को फराह की हत्या का दोषी मानते हुए तीनों को फांसी को सजा सुनाई.