केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्किल इंडिया प्रोग्राम के लिए और 8,800 करोड़ रुपये को दी मंजूरी

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Cabinet Decision on Skill India Programme: 8800 करोड़ रुपये के ‘स्किल इंडिया’ कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए अवसर पैदा करना पीएम मोदी का मिशन है। इसलिए 8,800 करोड़ रुपये के कौशल भारत कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है और इसका ध्यान कंवर्जेस और गुणवत्ता पर होगा।

SIP को 2026 तक जारी रखने को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘कौशल भारत कार्यक्रम (SIP)’ को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन को मंजूरी दी है। यह मंजूरी देश भर में कुशल, मांग पर आधारित और तकनीकी रूप से सक्षम, उद्योगों के लिहाज से भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अश्विनी वैष्णव ने बताया, यह सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देने, स्वच्छता क्षेत्र में कार्य करने की स्थितियों में सुधार करने और खतरनाक सफाई कार्यों के दौरान शून्य मृत्यु दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखेगा।

हाशिए पर रहने वाले समुदायों को मिलेगी व्यावसायिक शिक्षा 

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (PM-NAPS), और जन शिक्षण संस्थान योजना अब “कौशल भारत कार्यक्रम” की समग्र केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत एक हो गए हैं। इन पहलों का उद्देश्य संरचित कौशल विकास, नौकरी पर प्रशिक्षण और समुदाय-आधारित शिक्षा प्रदान करना है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा तक पहुंच प्राप्त हो। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की तीन प्रमुख योजनाओं के तहत, अब तक 2.27 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं।

एक लाख मूल्यांकनकर्ताओं और प्रशिक्षकों को किया जा रहा विकसित 

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और मूल्यांकन को मजबूत करने के लिए, एक लाख मूल्यांकन करने वालों और प्रशिक्षकों का एक राष्ट्रीय पूल विकसित किया जा रहा है, जो प्रशिक्षण केंद्रों में मानकीकरण और विशेषज्ञता सुनिश्चित करता है। उद्योग भागीदारी रिक्रूट ट्रेन डिप्लॉय (आरटीडी) प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित करती है। इस योजना से भारत को वर्ल्ड क्लास वर्क फोर्स बनाने में मदद मिल रही है। कई कंपनियां प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण पाए लोगों को ही अपने यहां नौकरियां दे रही हैं।

अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले को लेकर क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम (एसआईपी)’ को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह मंजूरी देशभर में मांग-संचालित, प्रौद्योगिकी-सक्षम और उद्योग-अनुकूल प्रशिक्षण को एकीकृत करके एक कुशल, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए सरकार की कोशिशों को रेखांकित करती है।
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