,India-Greece bilateral relations: ग्रीस (हेलेनिक गणराज्य) के विदेश मंत्री जॉर्ज जेरापेट्रिटिस 5 से 7 फरवरी, 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहे. जेरापेट्रिटिस विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के निमंत्रण पर भारत के दौरे पर आए थे, इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और ग्रीस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की संपूर्ण समीक्षा की और रणनीतिक साझेदारी के तहत चल रही विभिन्न गतिविधियों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की.
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक, दोनों देशों के इस उच्चस्तरीय वार्ता में अगस्त 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा और फरवरी 2024 में ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग में हुई प्रगति का आकलन किया गया. बता दें कि दोनों नेताओं के इस यात्रा के बाद से भारत और ग्रीस के बीच व्यापार, रक्षा, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.
द्विपक्षीय सहयोग के अहम मुद्दे
वहीं, हेलेनिक गणराज्य के विदेश मंत्री जॉर्ज जेरापेट्रिटिस के इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई. वार्ता में प्रमुख रूप से निम्नलिखित विषयों पर चर्चा हुई:
व्यापार और निवेश:– दरअसल, भारत और ग्रीस के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. ऐसे में दोनों देशों ने निवेश के अवसरों को बढ़ाने और व्यापार बाधाओं को कम करने के तरीकों पर चर्चा की.
रक्षा एवं रणनीतिक सहयोग:– भारत और ग्रीस ने इस मुलाकात के दौरान रक्षा सहयोग को और गहरा करने पर जोर दिया. इसके साथ ही सैन्य अभ्यास, समुद्री सुरक्षा और रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में संभावनाओं पर विचार किया गया.
संस्कृति एवं शिक्षा:- इतना ही नहीं, दोनों देशों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों ने शिक्षा, छात्र विनिमय कार्यक्रम और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया.
वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे:– दोनों देशों के नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिरता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, संयुक्त राष्ट्र में सुधार और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
वहीं, भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते कूटनीतिक संबंधों के तहत यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे आने वाले वर्षों में इन संबंधों को और मजबूती मिलेगी.