Pakistan: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) पाकिस्तान के न्यायिक और नियामक तंत्र की समीक्षा कर रहा है. यह कदम पाकिस्तान के 7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार और शासन से जुड़ी समस्याओं को हल करना है. संघीय शहबाज शरीफ सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
पाकिस्तान में IMF की तकनीकी टीम
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने बताया कि आईएमएफ की एक तकनीकी टीम एक सप्ताह के लिए पाकिस्तान आई है, ताकि वह शासन से जुड़े 6 प्रमुख सरकारी क्षेत्रों और संस्थाओं की जांच कर सके. ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, पाकिस्तान ने अक्टूबर 2023 में आईएमएफ के साथ एक डील किया था, जिसमें उसने भ्रष्टाचार से निपटने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने और व्यवसायों व निवेश के लिए एक समान प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने के लिए संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कहा था.
जुलाई 2025 तक प्रकाशित की जाएगी जीडीसीए रिपोर्ट
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने बताया कि इसके लिए एक पैमाना बनाया गया है, जिसके तहत जुलाई 2025 तक ‘शासन एवं भ्रष्टाचार निदान मूल्यांकन’ (GCDA) रिपोर्ट प्रकाशित होगी. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की शासन व्यवस्था और भ्रष्टाचार से जुड़ी समस्याओं का एनालिसिस किया जाएगा और भविष्य में सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों की पहचान होगी. सूत्रों के अनुसार, यह मिशन पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष अधिकारियों, वित्त, राजस्व और चुनाव आयोग के प्रमुख के साथ भी बातचीत करेगा, ताकि इन संस्थाओं की कामकाजी प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा सके.
6 संस्थानों की कामकाजी प्रक्रिया की समीक्षा
मिशन पाकिस्तान के 6 महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों के कामों की समीक्षा करेगा. इनमें वित्तीय व्यवस्था, वित्तीय क्षेत्र की निगरानी, केंद्रीय बैंक की कार्यप्रणाली, बाजार नियमन, कानून का शासन, धनशोधन और आतंकवाद-रोधी वित्तीय कार्रवाई शामिल हैं. IMF की टीम वित्त मंत्रालय, संघीय राजस्व बोर्ड, पाकिस्तान स्टेट बैंक, पाकिस्तान के ऑडिटर जनरल, चुनाव आयोग, कानून और न्याय मंत्रालय के साथ बैठक करेगी.
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