नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी महीने में पहली बार यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक हुआ और मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो किसी भी महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है. यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को दी. वित्त मंत्रालय ने कहा, 2023-24 के दौरान डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अद्वितीय विस्तार देखा गया है. यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का मुख्य आधार बना हुआ है, जो देशभर में खुदरा भुगतान के 80 हिस्से का योगदान देता है.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि कुल लेन-देन का आंकड़ा 2023-24 में 131 बिलियन को पार कर गया और इस अवधि में इसका मूल्य 200 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। इसके आसान उपयोग और बढ़ते हुए बैंकों और फिनटेक प्लेटफार्मों के नेटवर्क के कारण UPI को देश भर में रीयल-टाइम भुगतान के लिए लाखों उपयोगकर्ताओं द्वारा प्राथमिक भुगतान विधि के रूप में स्वीकार किया गया है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जनवरी 2025 तक UPI पारिस्थितिकी तंत्र में 80 से अधिक UPI ऐप्स और 641 बैंक सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं.
P2M और P2P लेन-देन में वृद्धि
वित्तीय वर्ष 24-25 (जनवरी 2025 तक) में P2M लेन-देन ने 62.35% योगदान दिया, जबकि P2P लेन-देन ने 37.65 प्रतिशत योगदान दिया. मंत्रालय ने यह भी बताया कि जनवरी 2025 में P2M लेन-देन का योगदान 62.35% था, जिसमें से 86% लेन-देन की राशि 500 रुपये तक थी, जो यह दर्शाता है कि UPI नागरिकों के बीच छोटे मूल्य वाले भुगतान के लिए विश्वसनीय भुगतान विधि के रूप में लोकप्रिय है.