Bangladesh: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार रोहिंग्याओं को नियंत्रित करने में नाकाम साबित होती दिख रही है. एक इंटरव्यू में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में रोहिंग्या को संभालना आसान नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि तनाव बना ही रहेगा. मुख्य सलाहकार के इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि रोहिंग्या की समस्या भारत की तरह ही बांग्लादेश के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है.
क्रॉक्स बाजार में रोहिंग्याओं का भरमार
बता दें कि बांग्लादेश म्यांमार के साथ एक बड़ी सीमा से लगा है. साल 2017 में हुए रोहिंग्या नरसंहार के बाद लाखों रोहिंग्या समुदाय के लोग म्यांमार से भाग बांग्लादेश आ गए थे. मोहम्मद यूनुस ने बताया कि राजधानी ढाका के क्रॉक्स बाजार में ही दस लाख रोहिंग्या हैं. वहीं क्रॉक्स बाजार लगातार हिंसा के कारण सुर्खियों में हैं. यूनुस ने कहा इस इलाके में लूट, ड्रग और हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है. जिनसे निपटने का प्रयास किया जा रहा है.
रोहिंग्याओं से परेशान मोहम्मद यूनुस सरकार
यूनुस सरकार रोहिंग्याओं से परेशान है. इससे निपटने के लिए बांग्लादेश अब म्यांमार के चरमपंथी गुटों तक से बातचीत करने के लिए तैयार है. स्काई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में मोहम्मद यूनुस ने कहा कि वे अब म्यांमार में ‘विद्रोही समूहों’ के साथ रोहिंग्या शरणार्थियों की मातृभूमि में वापसी में सहायता के लिए ‘सुरक्षित क्षेत्र’ की संभावना के बारे में बातचीत कर रहे हैं. यूनुस ने माना है कि देश में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध में हिंसा बढ़ने के बाद म्यांमार से बांग्लादेश में पलायन करने वाले खास तौर से मुस्लिम अल्पसंख्यकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
भारत में रोहिंग्या
बता दें कि बांग्लादेश की तरह ही गृहयुद्ध में हिंसा बढ़ने के बाद म्यांमार से हजारों रोहिंग्या भारत में प्रवेश कर गए थे. इनमे से कई अवैध ढंग से भारत में रह रहे हैं. वहीं रोहिंग्याओं का मुद्दा भी भारत की राजनीति में खूब भुनाया जाता है. बीते कुछ सालों से भारत की कई राज्य सरकारें रोहिंग्या के खिलाफ अभियान चला रही है. वहीं बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं को हिरासत में लेकर डिटेंशन सेंटर भी भेजा गया है.
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