भारत के टियर- 2 और टियर-3 शहरों में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है. साथ ही, छोटे शहरों में महिलाओं के वेतन में बीते तीन सालों में 34% का इजाफा हुआ है. गुरूवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. जॉब और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म अपनाडॉटको के अनुसार, छोटे शहरों से नौकरी की तलाश करने वाली महिलाओं की संख्या 2021 और 2024 के बीच चार गुना बढ़ गई है. इन क्षेत्रों से नौकरी के आवेदन भी तीन गुना बढ़ गए हैं, जो 2024 में 1.28 करोड़ तक पहुंच गए हैं. यह ट्रेंड प्रमुख मेट्रो शहरों से परे रोजगार पैटर्न में बढ़ते बदलाव को बताता है.
इस बदलाव के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जिसमें अधिक नौकरियों की उपलब्धता, बेहतर डिजिटल पहुंच और नियोक्ता की ओर से भर्ती की रणनीति में बदलाव शामिल हैं. इन विकासों ने गैर-मेट्रो क्षेत्रों की अधिक महिलाओं को अलग-अलग करियर तलाशने और कार्यबल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है. सेल्स, बिजनेस डेवलपमेंट, प्रशासनिक भूमिकाएं और कस्टमर सपोर्ट छोटे शहरों में महिलाओं के लिए सबसे लोकप्रिय नौकरी क्षेत्र बन गए हैं,
इनकी कुल नौकरी आवेदनों में हिस्सेदारी 55 प्रतिशत है. इसके अतिरिक्त, कई महिलाएं मार्केटिंग, बैंकिंग, रिटेल, एचआर, आतिथ्य, शिक्षण और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में करियर बनाने में रुचि दिखा रही हैं. 2024 में फील्ड सेल्स में लगभग छह लाख, डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स में 2.5 लाख और सुरक्षा सेवाओं में 1.5 लाख आवेदनों के साथ, अपरंपरागत भूमिकाओं में भी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ, जयपुर, इंदौर, भोपाल, सूरत, नागपुर और कोयंबटूर जैसे शहर महिलाओं के लिए प्रमुख नौकरी केंद्र के रूप में उभरे हैं, जो कुल नौकरी आवेदनों में 45% का योगदान देते हैं. कानपुर, भुवनेश्वर, रांची, चंडीगढ़, पटना, लुधियाना, वडोदरा और गुवाहाटी जैसे अन्य शहर भी प्रमुख रोजगार केंद्र के रूप में उभर रहे हैं.