Syria: सीरिया में एक बार फिर खूनी जंग तेज हो गई है. दरअसल, गुरुवार को बंदूकधारियों ने जबलेह शहर में सीरियाई पुलिस गश्त दल पर बड़ा हमला किया, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए जबकि कई अन्य घायल हो गए. सीरिया में इस हमले की जानकारी एक अधिकारी द्वारा दी गई है.
बता दें कि सीरिया में यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब सीरिया के जबलेह क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों और इस्लामी संगठनों के बीच तनाव तेज है.
विद्रोही समूहों ने किया असद शासन का तख्तापलट
दरअसल, साल 2024 में दिसंबर महीने के शुरुआत में ही इस्लामवादी हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने असद शासन का तख्तापलट कर दिया था. वहीं, ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ का कहना है कि लताकिया शहर के पास जबलेह शहर में घात लगाकर किए गए हमले में करीब 16 लोग मारे गए.
सबसे अधिक हिंसक झड़प
वहीं, निगरानी समूह के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान का कहना है कि पुलिस बल पर अलावी समुदाय के लोगों ने घात लगाकर हमला किया. उन्होंने बताया कि शासन के पतन के बाद से ये सबसे अधिक हिंसक झड़प हैं.’’ जबकि दमिश्क में एक स्थानीय अधिकारी का कहना है कि घात लगाकर किए गए इस हमले में ‘जनरल सिक्योरिटी डायरेक्टरेट’ के 13 सदस्य मारे गए.
अल-जजीरा का पत्रकार भी हमले में घायल
इसके अलावा, अरबी मीडिया ‘अल-जजीरा’ ने बताया उसके कैमरामैन रियाद अल-हुसैन संघर्ष को कवर करते समय घायल हो गए. मीडिया के मुताबिक, अधिकारियों ने पास के शहर टार्टस में 12 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है. इसके साथ ही स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में अतिरिक्त बल भेजा जा रहा है.
हालांकि स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अब स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले बंदूकधारियों से अलावी समुदाय के लोगों का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ावा देने से बचने का आह्वान करते हैं.
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