भारत के जॉब मार्केट ने फरवरी में भी अपनी बढ़त जारी रखी, जिसमें साल-दर-साल आधार पर 41% की वृद्धि देखी गई, यह मुख्य रूप से फ्रेशर्स की नियुक्ति के कारण हुई. यह जानकारी गुरुवार (7 मार्च) को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. एशिया के जॉब्स और टैलेंट प्लेटफॉर्म फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी और एमई) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में फ्रेशर्स की नियुक्ति में साल-दर-साल आधार पर 26% की वृद्धि हुई, जो प्रवेश स्तर की प्रतिभा के लिए नियोक्ता की निरंतर मांग को दर्शाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 में एक साल पहले की तुलना में भर्ती में 41% की वृद्धि हुई है, जो फ्रेशर्स जॉब मार्केट के कारण है, जिसने स्थिर वृद्धि बनाए रखी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्टरों में, आईटी– हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ने फ्रेशर्स की नियुक्ति में बढ़त बनाए रखी, जो 2024 में 17% से लगभग दोगुना होकर 2025 में 34% हो गई. फाउंडिट के सीईओ वी सुरेश ने कहा, “स्किल बेस्ड नियुक्ति की ओर बदलाव को नकारा नहीं जा सकता.
नियोक्ता व्यावहारिक विशेषज्ञता और उद्योग-प्रासंगिक कौशल वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रहे हैं.” इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि भर्ती और स्टाफिंग उद्योग ने भी फ्रेशर हायरिंग में वृद्धि देखी है, जो विभिन्न डोमेन में नए टैलेंट की बढ़ती मांग को उजागर करता है. इस बीच, BFSI और BPO/ITES जैसे क्षेत्रों में फ्रेशर हायरिंग में गिरावट देखी गई है, जो उद्योग की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों से परे, नासिक, जयपुर, सूरत, कोयंबटूर, इंदौर, कोच्चि, ठाणे, वडोदरा, चंडीगढ़ और नागपुर जैसे टियर II शहर भी फ्रेशर जॉब अवसरों के लिए प्रमुख स्थान के रूप में उभर रहे हैं.