Nepal: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में इस समय राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. जहां एक ओर दुनिया के कई देश अपने लोकतंत्र को मजबूत करने में लगी है तो वहीं, दूसरी ओर हिंदू बहुल देश नेपाल राजतंत्र की ओर बढ़ रहा है. नेपाल में राजतंत्र की मांग हो रही है. इन दिनों नेपाल कई तरह की सियासी हलचलों से गुजर रहा है.
देश में पिछले कुछ दिनों से राजतंत्र को मांग करने के लिए रैलियां हो रही है. बुधवार को काठमांडू में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) ने बाइक रैली का आयोजन किया था, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे. आरपीपी पार्टी देश के राजतंत्र से जुड़ी हुई है. इस पार्टी को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र का सपोर्ट मिला है.
रैली में राजतंत्र के समर्थन में लगे नारे
इस रैली में राजा के राज करने के समर्थन में नारे लगाए गए कि नारायणहिटी खाली करो, हमारे राजा आ रहे हैं. नारायणहिटी एक रॉयल पैलेस है, नेपाल में राजतंत्र के समय राजा इस पैलेस में रहते थे. साल 2008 में जब राजशाही व्यवस्था समाप्त हुई, तब इस पैलेस को संग्रहालय में बदला गया था. रैली में आरपीपी पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगदेन ने कहा कि संघीय सरकार को खत्म होना चाहिए क्योंकि इससे एक भ्रष्ट व्यवस्था मजबूत हो रही है.
इससे पहले भी नेपाल के लोगों में राजतंत्र के लिए जोश दिखा था, लोगों ने राजा का स्वागत किया था. नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र का भारी संख्या में लोगों ने गलेश्वर धाम और बागलुंग कालिका में गर्मजोशी से स्वागत किया था. इसके साथ ही कई लोगों ने ‘राजा आओ, देश बचाओ’ के नारे लगाए थे.
राजा की मूर्ति अनावरण में लोगों की भीड़
इसी के बाद गुरुवार को पोखरा में पूर्व राजा वीरेंद्र की मूर्ति का भी अनावरण किया गया. इस अनावरण के दौरान भी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा रहे. नेपालीर मीडिया के मुताबिक, इस मौके पर 3,000 से अधिक लोग इकट्ठा हुए थे. इसी के साथ लोगों ने इस दौरान राजशाही व्यवस्था वाला राष्ट्रगान भी गाया था. इस तरह लगातार सिलसिले से हो रही यह चीजें बताती है कि नेपाल के लोग लोकतंत्र और राजतंत्र में से किस ओर की दिशा तय कर रहे हैं.
बीबीसी ने आरपीपी के सीनियर उपाध्यक्ष रविंद्र मिश्रा से जब पूछा कि वो नेपाल में फिर राजशाही व्यवस्था क्यों लाना चाहते हैं? तो इस पर उन्होंने कहा कि नेपाल में अभी जो व्यवस्था चल रही है, उससे लोगों का मोहभंग हो चुका है. अब लोग पुराने दिन याद कर रहे हैं. 17 सालों के बाद अब राजा ज्ञानेंद्र नेपाल में कोई विलेन नहीं हैं. अब ज्ञानेंद्र जहां भी जाते हैं, वहां लोगों की भीड़ लग जाती है.
PM ने पूर्व राजा को दी चुनौती
जानकारी दें कि नेपाल में लोकतंत्र 2008 में बना था. देश को गणतंत्र बने करीब 17 साल हुए हैं. इसी बीच अब राजतंत्र के समर्थन में आवाज उठने लगी है और लोग अपने राजा के हाथ में सत्ता फिर से सौंपना चाहते हैं. इसी के वजह से अपनी सत्ता पर संकट मंडराता देख अब नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को चुनौती दी कि यदि राज्य की सत्ता हासिल करना उनका उद्देश्य है तो वह एक राजनीतिक पार्टी बनाएं और चुनाव जीतें.
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