White House: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के लिए 2 अप्रैल की समयसीमा तय किया था, जो समाप्त होने में कुछ दिन ही शेष है. इसी बीच व्हाइट हाउस ने अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाने के लिए नई दिल्ली की आलोचना की है. उनका कहना है कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारतीय टैरिफ मौजूदा व्यापार स्थिति में मदद नहीं कर रहे हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिका की प्रेस सचिव के कैथरीन लेविट ने भारत की आलोचना करने के साथ ही निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं के लिए ट्रंप की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए कनाडा पर अमेरिका को लूटने का भी आरोप लगाया.
अमेरिका को लूटने वालों को जवाब दे रहे राष्टपति
उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रपति दशकों से कनाडा द्वारा अमेरिका और मेहनतकश अमेरिकियों को लूटने के मामले में जवाब दे रहे हैं. यदि आप कनाडा की ओर से अमेरिकी लोगों और यहां काम करने वाले लोगों पर लगाए जा रहे टैरिफ की दरों को देखें, तो यह बहुत ही गंभीर है. लेविट ने कहा कि मेरे पास एक आसान चार्ट है जो सिर्फ़ कनाडा ही नहीं बल्कि पूरे देश में टैरिफ़ की दर दिखाता है.
प्रेस सचिव ने दिखाया टैरिफ चार्ट
प्रेस सचिव उस चार्ट को दिखाते हुए कहा कि यदि आप कनाडा को देखें, तो अमेरिकी पनीर और मक्खन पर करीब 300 प्रतिशत टैरिफ़ है. भारत को देखें, तो अमेरिकी शराब पर 150 प्रतिशत टैरिफ़ है. ऐसे में क्या आपको लगता है कि इससे केंटकी बॉर्बन को भारत में निर्यात करने में मदद मिल रही है?
पारस्परिकता में विश्वास करते हैं ट्रंप
लेविट ने आगे कहा कि ट्रंप पारस्परिकता में विश्वास करते हैं, और अब समय आ गया है कि हमारे पास एक ऐसा राष्ट्रपति हो जो वास्तव में अमेरिकी व्यवसायों और श्रमिकों के हितों का ध्यान रखे. उन्होंने कहा कि कनाडाई इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की योजना लागू हो गई, एक दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि ओंटारियो की प्रांतीय सरकार द्वारा तीन अमेरिकी राज्यों को बिजली निर्यात पर 25 प्रतिशत अधिभार को निलंबित करने के निर्णय के बाद वह कनाडाई इस्पात और एल्युमीनियम पर टैरिफ को दोगुना करने से “संभवतः” पीछे हट जाएंगे.
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