Indians rescue citizen: भारत सरकार ने मंगलवार को विदेश से अपने 266 नागरिकों को वापस लाया है. दरअसल ये लोग नौकरी पाने के लालच में विदेशों में जाकर फंसे हुए थें, जिन्हें भारतीय दूतावासों ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया और उन्हें वापस स्वदेश लाया गया है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि उन भारतीयों को रिहा किया जा सके, जो म्यांमार सहित दक्षित-पूर्व एशियाई देशों में फर्जी नौकरी के वादों से ठगे गए हैं. वहीं, मंगलवार को वापस लाए गए ये नागरिक भी साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में ही शामिल थे.
विदेश मंत्रालय की सलाह
ऐसे में विदेश मंत्रालय ने विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे विदेश में स्थित मिशनों के जरिए विदेशी नियोक्ताओं की साख की पुष्टि करें और नौकरी की पेशकश मंजूर करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करें. वहीं, इससे पहले दिसंबर में भी भारतीय दूतावास ने म्यांमार के म्यावाडी में नौकरी घोटाले के परिसर में फंसे 6 भारतीय नागरिकों को रिहा करने का ऐलान किया था.
दक्षिण-पूर्व एशिया का ये क्षेत्र साइबर अपराध का केंद्र
बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशिया का गोल्डन ट्राइंगल क्षेत्र साइबर अपराध का केंद्र है, जहां थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं मिलती हैं. ऐसे में यहां से साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी कॉल सेंटर संचालित होते हैं. हालांकि भारत के पीड़ितों में देश के अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हैं. ऐसे में उन्हें छुड़ाने और उन्हें थाईलैंड शिफ्ट करने के लिए म्यांमार सरकार ने अपनी सेना को तैनात किया, जहां से उन्हें अब भारत वापस लाया गया.
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