WTO: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है. विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने कहा कि व्यापार नीति पर बढ़ती अनिश्चितता और नए सीमा शुल्क लागू होने की संभावना मध्यम अवधि में वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकती है.
दुनियाभर में व्यापार से जुड़े नियम तय करने वाले WTO की ओर से जारी ‘उत्पाद व्यापार बैरोमीटर’ के मुताबिक, वैश्विक वस्तु व्यापार 2024 की चौथी तिमाही में स्थिर होता हुआ दिख रहा है. इसके साल 2025 के शुरुआती महीनों में और भी बढ़ने की आशंका है. डब्ल्यूटीओ ने कहा कि दुनियाभर में ट्रेड वॉर जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है.
ग्लोबल लेवल पर ट्रेड वॉर छिड़ने की संभावना
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि व्यापार नीति से जुड़ी अनिश्चितता में वृद्धि और नए सीमा शुल्क लगाए जाने की आशंका मध्यम अवधि में व्यापार पर भारी पड़ सकती है. डब्ल्यूटीओ का यह आकलन जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं से प्रभावित है.
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्तों में कनाडा और चीन सहित कई देशों के खिलाफ नए शुल्क लगाने का ऐलान किया है. वहीं इन देशों ने भी टैरिफ को लेकर जवाबी कार्रवाई की है. चीन कनाडा ने भी अमेरिकी आयात पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है. इस तरह से दुनिया भर में व्यापार युद्ध छिड़ने की संभावना बनते हुए नजर आने लगे हैं.
भारत जीरो फॉर जीरो टैरिफ से निकाल सकता है सोल्यूशन
अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में जीरो फॉर जीरो रणनीति भारत के लिए सर्वोत्तम साबित हो सकती है. इसमें भारत स्पेसिफिक टैरिफ लाइन्स या प्रोडक्ट कैटेगरीज की पहचान कर उन पर आयात शुल्क यानी टैरिफ को जीरो कर सकता है.
इसके जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत अमेरिका को भी समान संख्या में प्रोडक्ट्स पर टैरिफ जीरो करना पड़ेगा. इस तरह भारत द्वारा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लिया जा रहा वह हाई टैरिफ तेजी से कम या खत्म हो जाएगा, जिसके बारे में डोनाल्ड ट्रंप बार-बार बात करते हैं. साथ ही रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत पर पड़ने वाला प्रभाव भी करीब-करीब खत्म हो जाएगा.
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