India Slams Pakistan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) आए दिन मुंह के बल गिरता है, लेकिन फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. दुनिया के सामने बेइज्जत होने के बाद भी पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर उल्टी-सीधी बातें करता रहता है. एक बार फिर उसने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पर टिप्पणी की है, जिसके बाद भारत ने यूएन में पाक की क्लास लगा दी है. अमेरिका में आयोजित बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पार्वथानेनी हरीश ने इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है.
भारत ने की पाकिस्तान की कड़ी निंदा
पाकिस्तान की ‘कट्टर मानसिकता’ की निंदा करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने इस्लामाबाद से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर को लेकर राग अलापने से सीमा पार आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता या इस क्षेत्र के भारत का अभिन्न अंग होने की वास्तविकता को नहीं बदला जा सकता. वे शुक्रवार को पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ द्वारा इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए महासभा की एक अनौपचारिक बैठक के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे.
आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता
पार्वथानेनी हरीश ने कहा, “जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है.” उन्होंने आगे कहा, “बार-बार संदर्भ देने से न तो उनका दावा मान्य होगा और न ही सीमा पार आतंकवाद को लेकर उनकी प्रैक्टिस को उचित ठहराया जा सकेगा.” उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कहा, “इस देश की कट्टर मानसिकता और कट्टरता का रिकॉर्ड जगजाहिर है.”
#WATCH | Permanent Representative of India to the United Nations, New York, Parvathaneni Harish, says, “As it is their habit, the former Foreign Secretary of Pakistan today has made an unjustified reference to the Indian Union territory of Jammu and Kashmir. Frequent references… pic.twitter.com/zH6FEa0KBc
— ANI (@ANI) March 14, 2025
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा
हरीश ने कहा, “ऐसे प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेंगे कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.” जब कश्मीर की बात आती है तो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में एक आवाज बनकर रह जाता है. जब भी उसके प्रतिनिधियों को बोलने का मौका मिलता है, तो वह कश्मीर का मुद्दा उठाता है, लेकिन किसी अन्य देश ने इस मुद्दे को नहीं उठाया.
कश्मीर को गाजा से जोड़ने की कोशिश की
2017 से 2019 तक पाकिस्तान की विदेश सचिव रहीं जंजुआ ने बैठक में बतौर आमंत्रित सदस्य अपनी बात रखी. उन्होंने कश्मीर को गाजा से जोड़ने की कोशिश की – जो पाकिस्तान की एक चाल है और जोर देकर कहा, “इस्लामोफोबिया कब्जे वाले क्षेत्रों, जैसे कि भारतीय कब्जे वाले कश्मीर और फिलिस्तीन में मुसलमानों की भयानक हत्याओं का एक महत्वपूर्ण कारण है.” उन्होंने परोक्ष रूप से “लव जिहाद” और “गौरक्षकों” से जुड़ी “लिंचिंग” का भी उल्लेख किया.