PM मोदी ने पॉडकास्टर Lex Fridman के साथ की बातचीत, अपने सार्वजनिक जीवन की यात्रा पर विस्तार से की चर्चा

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
PM Modi Lex Fridman Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत की. पीएम मोदी ने इस पॉडकास्ट में अपने बचपन, हिमालय में बिताए गए समय और सार्वजनिक जीवन की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की. इसके अलावा, उन्होंने भारत की संस्कृति, शांति और वैश्विक कूटनीति पर भी अपने विचार साझा किए. पीएम मोदी ने इस पॉडकास्ट में कहा, “जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है.” उन्होंने भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह विश्व नेताओं से हाथ मिलाते हैं, तो यह सिर्फ मोदी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व होता है. उन्होंने यह भी कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि भारत की कालातीत संस्कृति और विरासत में निहित है.”
अपने बचपन की कठिनाइयों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है, उसे उनकी अनुपस्थिति का एहसास होता है, लेकिन हमने कभी जूते पहने ही नहीं थे, तो हमें इसका महत्व पता नहीं था. यही हमारा जीवन था.” प्रधानमंत्री ने अपने कठिन और संघर्षपूर्ण जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि उनका बचपन साधारण परिस्थितियों में बीता था, जहां उन्होंने गरीबी का सामना किया, लेकिन उसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया.

पीएम मोदी ने अपने माता-पिता की मेहनत और अनुशासन को किया याद

पीएम मोदी ने अपने माता-पिता की मेहनत और अनुशासन को याद करते हुए कहा, “हमारी मां ने बहुत मेहनत की. मेरे पिता भी बहुत अनुशासित थे. वह हर सुबह 4:00 या 4:30 बजे घर से निकलते थे, मंदिरों में जाते थे और फिर अपनी दुकान पर काम करने पहुंचते थे.” यह बताते हुए मोदी ने अपने परिवार के मूल्यों और कठिन परिश्रम को सराहा, जिनके कारण उन्होंने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी. पीएम मोदी ने अपने पिता के बारे में एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया. उन्होंने बताया कि उनके पिता पारंपरिक चमड़े के जूते पहनते थे, जो गांव में हाथ से बने होते थे. जब वह चलते थे, तो उनके जूतों की ‘टक, टक, टक’ की आवाज आती थी. गांव के लोग केवल उनकी कदमों की आवाज़ से ही समय का अंदाजा लगा लेते थे और कहते थे, “ओह, हाँ, श्री दामोदर आ रहे हैं.”
पीएम मोदी ने आगे बताया कि उनके परिवार ने कभी भी उन्हें कठिन परिस्थितियों का एहसास नहीं होने दिया. उन्होंने कहा, “मेरी मां यह सुनिश्चित करती थीं कि हमें कभी कठिन परिस्थितियों का असर महसूस न हो. स्कूल में, जूते पहनने का विचार कभी मेरे मन में नहीं आया.” इस तरह, उन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा और उन्हें अवसरों में बदला. पीएम मोदी की इस बातचीत से उनके जीवन के संघर्ष और उनकी मेहनत को जानने का एक और मौका मिला, जिसमें उन्होंने अपनी संस्कृति, कड़ी मेहनत और शांति के महत्व को स्पष्ट किया.
Latest News

Sunita Williams: अंतरिक्ष में नौ महीने से फंसी सुनीता विलियम्स की 18 मार्च को पृथ्वी पर वापसी, NASA ने की पुष्टि

Sunita Williams Return Date: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन  International Space Station पर नौ महीने से फंसे दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों...

More Articles Like This