फ्रांसीसी नेता ने वापस मांगी ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’, अमेरिका ने सुनाई खरी-खोटी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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USA France Relation: अमेरिका और यूरोप के बीच के संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे है. बात यहा तक आ पहुंची है कि अब एक दूसरे को दिए गए तोहफे को भी वापस करने की मांग की जाने लगी है. दरअसल, खबर सामने आई है कि फ्रांस के एक नेता ने अमेरिका से प्रसिद्ध ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ को वापस करने की मांग की है, हालांकि अमेरिका ने इस मांग पर तीखा जवाब दिया है.

फ्रांस को होना चाहिए अमेरिका का अभारी

फ्रांसीसी राजनेता द्वारा अमेरिका से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को वापस करने की मांग पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “बिल्कुल नहीं. उन्‍होंने कहा कि इस मांग को करने वाले फ्रांसीसी राजनेता को मेरी सलाह है कि उन्‍हें दिला दें कि अमेरिका के वजह से ही फ्रांस के लोग अभी जर्मन नहीं बोल रहे है. उन्‍हें हमारे महान देश का आभारी होना चाहिए.”

क्यों दिया जर्मन भाषा का उदाहरण?

बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के वक्त जर्मनी के नाजी सेना ने काफी कम समय में फ्रांस पर जीत हासिल कर ली थी. माना जाता है कि फ्रांसीसी सेना ने हिटलर के सामने सरेंडर कर दिया था. जर्मनी ने पेरिस समेत फ्रांस के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था और वहां अपनी पसंद की सरकार भी बनवा दी थी. इसके बाद साल 1944 में मित्र राष्ट्रों के आक्रमण के बाद फ्रांस को आजादी मिली, जिसमें अमेरिकी सेना ने अहम भूमिका निभाई थी.

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