केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह में साल-दर-साल 16.15% की मजबूत वृद्धि देखी गई है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 (16 मार्च, 2025 तक) में 25.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक है. यह वृद्धि मुख्य रूप से कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह में वृद्धि तथा सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में तेज बढ़ोतरी के कारण हुई है.
कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह में उछाल
- कॉरपोरेट टैक्स संग्रह (Corporate Tax Collection) 12.40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 10.1 लाख करोड़ रुपये था.
- गैर-कारपोरेट टैक्स संग्रह (Non-Corporate Tax Collection) 12.90 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 10.91 लाख करोड़ रुपये था.
एसटीटी में भारी उछाल
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स संग्रह 53,095 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष यह 34,131 करोड़ रुपये था.
शुद्ध कर संग्रह और रिफंड स्थिति
कुल कर संग्रह में से रिफंड 32.51% बढ़कर 4.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
इसके बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.26 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.13 प्रतिशत अधिक है.
प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़ोतरी सरकार के वित्तीय आधार को मजबूत करती है और उधारी पर निर्भरता कम करने में मदद करती है. इससे बुनियादी ढांचे, सामाजिक कल्याण और अन्य क्षेत्रों में सार्वजनिक खर्च को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.