Italy PM Giorgia Meloni: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को लेकर यूरोपीय रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पीएम जॉर्जिया मेलोनी आजीवन सत्ता में बने रहने की व्यवस्था कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 48 वर्षीय मेलोनी तानाशाही की ओर इटली को ले जा रही हैं. अगर जॉर्जिया मेलोनी अपने मकसद में सफल होती हैं तो इटली में उनकी कुर्सी सुरक्षित हो जाएगी.
द गार्जियन ने सिविल लिबर्टीज यूनियन फॉर यूरोप के हवाले से कहा है कि इटली में तेजी से लोकतंत्र को खत्म करने वाले फैसले लिए जा रहे हैं. इन फैसलों के पीछे पीएम मेलोनी ही है. मेलोनी के इस तरह के कदम की तुलना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की जा रही है.
लोकतंत्र को लेकर रिपोर्ट में
सिविल लिबर्टीज यूनियन फॉर यूरोप के अनुसार क्रोएशिया, बुल्गारिया, रोमानिया और स्लोवाकिया के साथ इटली में भी कानून के शासन को खत्म किया जा रहा है. यह सब जानबूझकर किया जा रहा है, जिससे लोकतंत्र की बजाय तानाशाही शासन लागू हो सके.
रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्जिया मेलोनी की सरकार ने न्याय मंत्रालय को खुले अधिकार देने के लिए प्रस्ताव तैयार किए, जिससे न्यायपालिका पर राजनीतिक कंट्रोल बढ़ेगा. इसके अलावा पीएम मेलोनी की सरकार मीडिया और स्वतंत्र पत्रकारों को भी लगातार निशाने पर ले रही है. मेलोनी की सरकार पर पैसे लेकर अपराधियों को भी छोड़ने का आरोप है. खास बात है कि सभी घटना के केंद्र में खुद पीएम मेलोनी हैं.
साल 2022 में सत्ता में आई थी मेलोनी
साल 2022 के आम चुनाव में मेलोनी की पार्टी को इटली में जीत मिली. प्रधानमंत्री मेलोनी ने अपने करीबी प्रतिद्धंदी ई लेट्टा को हराया था. इटली में 2027 में फिर से चुनाव प्रस्तावित है. मेलोनी अपनी पार्टी की ओर से खुद मैदान में उतरेंगी. मेलोनी की कवायद 2027 तक अनुकूल सियासी पिच तैयार करने की है. यही कारण है कि यूरोपीय संघ के विपरीत मेलोनी ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध में अमेरिका का समर्थन किया है. जॉर्जिया मेलोनी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का करीबी माना जाता है.
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