यूक्रेन के खिलाफ युद्ध समाप्ति को लेकर ट्रंप-पुतिन के बीच हुई लंबी बातचीत, सीमित शांति समझौते पर बनी सहमति

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए लंबी बातचीत हुई, जिसके परिणामस्‍वरूप रूस और अमेरिका के सीमित शांति समझौते पर सहमति बनी. दोनों देशों के बीच हुई इस बातचीत के बाद रूस ने ऐलान किया कि कि वो अगले 30 दिनों तक यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर हमला नहीं करेगा.

ट्रंप से बातचीत के दौरान रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन ने कहा कि संघर्ष का समाधान व्यापक, टिकाऊ और दीर्घकालिक होना चाहिए, जिसमें रूस के अपने सुरक्षा हितों और युद्ध के मूल कारणों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

ट्रंप और पुतिन के बीच हुई लंबी बातचीत

दरअसल, मंगलवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति और रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन ने फोन पर दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमि‍त शाति समझौते को व्हाइट हाउस ने शांति की दिशा में पहला कदम बताया. इसके साथ ही ये उम्मीद भी जताई कि इससे काला सागर में समुद्री युद्ध विराम हो जाएगा और लड़ाई पूरी तरह से और स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगी.

व्हाइट हाउस ने कहा कि व्यापक शांति योजना की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से वार्ता तुरंत शुरू होगी. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यूक्रेन इस चरणबद्ध युद्ध विराम की योजना पर सहमत है या नहीं.

क्रेमलिन ने जारी किया बयान

वहीं, रूसी राष्ट्रपति कार्यालय (क्रेमलिन) ने कहा कि ट्रंप से बातचीत के दौरान पुतिन ने संघर्ष विराम की निगरानी करने और यूक्रेन द्वारा अधिक सैनिकों को जुटाने और खुद को फिर से हथियारबंद करने के लिए इसका इस्तेमाल करने से रोकने के बारे में भी अहम बिंदु उठाए. साथ ही पुतिन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति से यूक्रेन को विदेशी सैन्य और खुफिया सहायता बंद करने का भी आह्वान किया है.

यूक्रेन ने पहले जताई थी सहमति, लेकिन…

बता दें कि अमेरिका ने पहले रूस और यूक्रेन के बीच 30 दिनों के लिए संपूर्ण युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया था, जिसपर यूक्रेन ने पिछले हफ्ते ही अपनी सहमति जता दी थी, लेकिन पुतिन के साथ बातचीत के बाद क्रेमलिन और व्हाइट हाउस की तरफ से सिर्फ ऊर्जा संयंत्रों और बुनियादी ढाचें पर हमला रोकने की बात कही गई है.

यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों से अमेरिका को फायदा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा से अमेरिका को फायदा होने वाला है, क्‍योंकि अमेरिका यू‍क्रेन के साथ खनिजों उत्कनन पर समझौते के लिए बातचीत कर रहा है.ऐसे में उसे खनिज के प्रसंस्करण के लिए अमेरिका को बिजली की जरूरत होगी. यही वजह है कि अमेरिका यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों को लेकर चिंतित है.

बता दें कि रूस ने फरवरी 2022 में ही अपने आक्रमण के बाद से यूक्रेन के ऊर्जा ग्रिड को बार-बार नुकसान पहुंचाया है. इससे यूक्रेन की बिजली आपूर्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन ने भी रूसी तेल रिफाइनरियों पर जबरदस्त हवाई हमले किए हैं.

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