क्रिसिल की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत को सर्विसेज ट्रेड सरप्लस और रेमिटेंस के मजबूत प्रवाह से फायदा हो रहा है. उम्मीद है कि ये करंट अकाउंट को एक सेफ जोन उपलब्ध कराएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 1% और वित्त वर्ष 2026 में 1.3% रहेगा. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-फरवरी के दौरान सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 354.90 बिलियन डॉलर था, जो 2023-24 की समान अवधि में 311.05 बिलियन डॉलर से अधिक है.
जनवरी में सेवा निर्यात में सालाना आधार पर 12% की वृद्धि हुई, जबकि सेवा आयात वृद्धि 13.8% से घटकर 12.6% रह गई. जनवरी में सर्विसेज ट्रेड सरप्लस 18 बिलियन डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 16.2 बिलियन डॉलर था, लेकिन दिसंबर में 19.1 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम रहा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान भारत के माल और सेवाओं दोनों के संचयी निर्यात में 6.24% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 706.43 बिलियन डॉलर की तुलना में इस बार 750.53 बिलियन डॉलर हो गया.
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान माल निर्यात का संचयी मूल्य 395.63 बिलियन डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 395.38 बिलियन डॉलर था, जो 0.06% वृद्धि दर्शाता है. इस 11 महीने की अवधि के दौरान सेवा आयात का अनुमानित मूल्य 183.21 बिलियन डॉलर है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 161.71 बिलियन डॉलर था. आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-फरवरी 2024-25 के लिए सर्विसेज ट्रेड सरप्लस 171.69 बिलियन डॉलर है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 149.34 बिलियन डॉलर था.
इस बीच, 7 मार्च को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तीन वर्षों में सबसे अधिक साप्ताहिक वृद्धि हुई.भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार 15.267 बिलियन डॉलर बढ़कर 653.966 बिलियन डॉलर हो गया.