Russia-Ukraine Ceasefire: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन वर्षों से चल रहा युद्ध अब एक अलग मोड़ लेता दिख रहा है. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब में यूक्रेन और रूस ने वार्ता के दौरान अलग-अलग सहमति जताई कि वे ब्लैक सी में जहाजों पर सैन्य हमले नहीं करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध विराम की कोशिशों का असर दिखने लगा है.
हालांकि ये अस्थायी समझौता है, लेकिन इसने स्थायी युद्ध विराम की उम्मीद जगा दी है. क्रेमलिन ने कुछ पश्चिमी प्रतिबंधों को हटाने की शर्त पर इस सौदे को सशर्त बना दिया है. ये घोषणा तब किया जब अमेरिका ने सीमित युद्ध विराम की दिशा में संभावित कदमों पर सऊदी अरब में यूक्रेनी और रूसी डेलिगेशन के साथ तीन दिनों की वार्ता पूरी की है.
Lavrov reaffirms Russia's in favor of resuming Black Sea initiative, 'ready to consider agreeing not to harm energy infrastructure
But 'We're not take gonna just take anyone's word' — he adds pic.twitter.com/Crew5iQZLb
— Levan Gudadze (@GudadzeLevan) March 25, 2025
समझौते पर जेलेंस्की का बयान
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की अब काला सागर में युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं. हालांकि, समझौते के बाद भी एक व्यापक शांति समझौता अभी भी दूर दिखाई दे रहा है. इस समझौते को यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने 3 साल पुराने युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में शुरुआती ‘सही कदम’ बताया है और इस पहल की सराहना की है.
मीडिया से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, “ये पहले कदम हैं – बिल्कुल पहले नहीं बल्कि शुरुआती – इस राष्ट्रपति प्रशासन की ओर से युद्ध को पूरी तरह से खत्म करने और पूर्ण युद्ध विराम की संभावना के साथ-साथ एक स्थायी और निष्पक्ष शांति समझौते की दिशा में कदम है.”
रूस की प्रतिक्रिया
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चैनल वन को दिए इंटरव्यू में कहा कि रूसी पक्ष ब्लैक सी इनिशिएटिव को फिर से शुरू करने का सपोर्ट करता है, हालांकि इसे सभी के लिए ज्यादा स्वीकार्य प्रारूप में शुरू किया जाना चाहिए. लावरोव ने कहा कि हम ब्लैक सी इनिशिएटिव को किसी न किसी रूप में वापस लाने का समर्थन करते हैं, जो सभी के लिए बेहतर हो. उन्होंने आगे कहा कि रियाद में वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर प्राथमिकता के तौर पर चर्चा की गई है.
ये भी पढ़ें :- भारत ने पेश की दोस्ती की मिसाल, रूस कभी नहीं भूलेगा यह ऐहसान; अरब देश हुए परेशान