Russia: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इसी बीच रूस की एक सैन्य अदालत ने जंग मामले में पकड़े गए 23 यूक्रेनियों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. सैन्य अदालत ने सभी को आतंकवाद के मामलों में दोषी करार दिया है. हालांकि इस मामले को लेकर यूक्रेन ने भी प्रतिक्रिया दी है. यूक्रेन ने पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए इसे दिखावा और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है.
रूसी मीडिया रिपोर्टों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक, अभियुक्तों में कुलीन आजोव ब्रिगेड के वर्तमान या पूर्व लड़ाके शामिल हैं, जिसे रूस ने आतंकवादी समूह करार दिया है. बताया गया कि इन लोगों में वो भी शामिल हैं जो वहां रसोइये या सहायक कर्मचारी के तौर पर काम करते थे.
रूसी मानवाधिकार समूह ने क्या कहा?
एक प्रमुख रूसी मानवाधिकार समूह ‘मेमोरियल’ ने पकड़े गए यूक्रेनियों को राजनीतिक कैदी घोषित किया है. इसने कहा कि उनमें से कुछ को 2022 में यूक्रेनी बंदरगाह शहर मारियोपोल में लड़ाई के दौरान पकड़ा गया था, जहां वो रूसी सैनिकों द्वारा घेराबंदी के तहत अजोवस्टल स्टील मिल में ठहरे हुए थे. मानवाधिकार समूह ने कहा कि अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया था, क्योंकि वो रूसी सेना द्वारा शहर पर कब्जा करने के बाद शहर छोड़ने के प्रयास में थे.
यूक्रेन ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
रूस के सैन्य अदालत में बुधवार को केवल 12 यूक्रेनी ही मौजूद रहे, जबकि 9 महिलाओं समेत 11 अन्य, कैदी अदला-बदली के तहत यूक्रेन लौट आए थे, और उनकी अनुपस्थिति में उन्हें दोषी करार दिया गया. यूक्रेन के मानवाधिकार दूत दिमित्रो लुबिनेट्स ने जून 2023 में शुरू हुए मुकदमे की निंदा करते हुए इसे रूस के ‘अपने मनोरंजन’ के लिए आयोजित एक और दिखावापूर्ण मुकदमा बताया.
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