S Jaishankar: संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर करीब से नजर रख रहा है और इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट में भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार के बारे में चिंताओं को उठाया गया है, जिससे इस मामले पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जा सके.
एक महीने में 10 हिंदू समुदाय के खिलाफ़ अत्याचार मामले
विदेश मंत्री ने कहा कि “हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर बहुत बारीकी से नजर रखते हैं. उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, मैं सदन को बताना चाहूंगा कि सिर्फ फरवरी महीने में ही हिंदू समुदाय के खिलाफ़ अत्याचार के 10 मामले सामने आए, जिसमें से 7 अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित, 2 किडनैपिंग से संबंधित और एक होली मना रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से संबंधित था.”
अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा मामलों का भी दिया ब्यौरा
अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों का भी विस्तृत ब्यौरा देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान में सिख समुदाय से संबंधित तीन घटनाएं हुईं. एक मामले में, एक सिख परिवार पर हमला किया गया, दूसरे मामले में, एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण एक सिख परिवार को धमकाया गया और समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का मामला भी सामने आया.”
अहमदिया और ईसाई समुदायों के खिलाफ अन्याय का किया जिक्र
इसके अलावा पाकिस्तान में अहमदिया और ईसाई समुदायों के खिलाफ अन्याय जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि “अहमदिया समुदाय से संबंधित दो मामले थे. पहले में एक मस्जिद को सील किया गया और दूसरे में, 40 कब्रों को अपवित्र किया गया था. एक मामला ऐसा भी था जिसमें एक ईसाई व्यक्ति, जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया.”
वैश्विक मंचों पर भारत की प्रतिक्रिया पर दिया जोर
वैश्विक मंचों पर भारत की प्रतिक्रिया पर जोर देते हुए विदेश मंत्री ने हाल की दो घटनाओं का भी जिक्र किया, जहां भारतीय प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड की कड़ी आलोचना की. विदेश मंत्री ने कहा कि “फरवरी के महीने में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में हमारे प्रतिनिधि ने बताया कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां ‘मानवाधिकारों का हनन, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों का व्यवस्थित क्षरण राज्य की नीतियों का हिस्सा है.’
एस जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देता है और किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है. इसके बजाय, उसे अपने लोगों को वास्तविक शासन और न्याय प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.”
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