चीन जैसे कुछ देश अपनी मुद्राओं का कर सकते हैं अवमूल्यन: Neelkanth Mishra

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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वैश्विक बाजारों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर देखने को मिला है. टैरिफ के इन प्रभावों के बाद एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री नीलकंठ मिश्रा (Neelkanth Mishra) ने सोमवार को कहा कि चीन जैसे कुछ देशों के पास मौजूदा परिदृश्य में अपनी मुद्राओं का अवमूल्यन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ से वैश्विक बाजार हिल गए हैं,
क्योंकि दूसरे देश इन सख्त व्यापार उपायों का जवाब देने की योजना बना रहे हैं. नीलकंठ मिश्रा ने कहा, चीन के व्यापार अधिशेष में कमी और टैरिफ के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को देखते हुए देश युआन का अवमूल्यन करने के लिए मजबूर हो सकता है. करेंसी वॉर का जोखिम अधिक है और एक बार अवमूल्यन शुरू होने के बाद, स्थिति ऐसे वातावरण में बदल सकती है, जहां आगे के लिए कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकेगा.
उन्‍होंने एनडीटीवी प्रॉफिट को बताया कि इससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा होगी, क्योंकि देशों के बीच व्यापार संतुलन बदलेगा और निर्यात सब्सिडी और मुद्रा अवमूल्यन जैसे औद्योगिक नीतिगत उपाय लागू होंगे. नीलकंठ मिश्रा के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन के उद्देश्य आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक हैं, जो बहुपक्षीय समझौतों से हटकर द्विपक्षीय समझौतों की ओर बढ़ते हुए वैश्विक व्यापार गतिशीलता को नया आकार देना चाहते हैं.
हालांकि, कुछ टैरिफ पर बातचीत कर उन्हें कम किया जा सकता है, लेकिन अन्य टैरिफ बने रह सकते हैं, जो राजस्व सृजन के लिए एक उपकरण के रूप में काम करेंगे और वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को बनाए रखेंगे. नीलकंठ मिश्रा के मुताबिक, भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता वैश्विक आर्थिक मंदी की संभावना है, जो निवेशकों के विश्वास को कम कर सकती है. खासकर वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत के कम इक्विटी जोखिम प्रीमियम के साथ वित्तीय बाजारों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि राजकोषीय और विनियामक सहजता के साथ-साथ आरबीआई द्वारा निर्णायक मौद्रिक नीति के कारण भारत कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है. दलाल स्ट्रीट पर सोमवार को वैश्विक बिकवाली के बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के बीच व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) की आशंका बढ़ गई है. डोनाल्‍ड ट्रंप ने अपनी विवादास्पद टैरिफ नीतियों का बचाव किया है और आर्थिक प्रभाव पर चिंताओं को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि दुनिया के लीडर्स रेसिप्रोकल टैरिफ पर बातचीत करने के लिए सौदा करने के लिए बेताब बने हुए हैं. ट्रंप ने बाजार की अस्थिरता का जिक्र करते हुए कहा, कभी-कभी आपको कुछ ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है.
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