World Health Day: 2023 में वैश्विक स्तर पर हर 2 मिनट में एक महिला की गर्भावस्था और प्रसव के कारण हुई मौत: संयुक्त राष्ट्र

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (United Nations and World Health Organization) की ओर से सोमवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023 में गर्भावस्था और बच्चे के जन्म से जुड़े मामलों में लगभग हर दो मिनट में एक महिला की मौत हुई, या प्रतिदिन 700 से ज्यादा महिलाओं की मौत हुई. बता दें कि हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस साल की थीम है स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य, जो सरकारों और स्वास्थ्य समुदाय से आग्रह करती है कि वे रोकथाम योग्य मातृ एवं नवजात मृत्यु को रोकने के लिए प्रयास तेज करें और महिलाओं के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता दें.
रिपोर्ट बताती है कि साल 2000 से 2023 के बीच दुनिया भर में मां बनने के दौरान होने वाली मौतों की संख्या में 40% की कमी आई है. (मां बनने के दौरान हर 100,000 बच्चों के जन्म पर होने वाली माताओं की मौत के आंकड़े को एमएमआर कहते हैं. यह दिखाया गया कि 2016 से सुधार की गति बहुत धीमी हो गई है और अनुमान है कि 2023 में गर्भावस्था या बच्चे के जन्म की जटिलताओं के कारण 2 लाख 60 हज़ार महिलाओं की मौत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में मातृ मृत्यु के 90 प्रतिशत से ज़्यादा मामले निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में हुए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा, हालांकि यह रिपोर्ट आशा की किरण दिखाती है, लेकिन आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि आज भी दुनिया के अधिकांश हिस्सों में गर्भावस्था कितनी खतरनाक है, जबकि मातृ मृत्यु के अधिकांश मामलों में जटिलताओं को रोकने और उनका उपचार करने के समाधान मौजूद हैं. इसलिए गुणवत्तापूर्ण मातृत्व देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा, महिलाओं और लड़कियों के अंतर्निहित स्वास्थ्य और प्रजनन अधिकारों को मजबूत करना भी महत्वपूर्ण होगा. ये ऐसे कारक हैं जो गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद उनके स्वस्थ परिणामों की संभावनाओं को मजबूत करते हैं.
इसके अलावा, रिपोर्ट में मातृ जीवन पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का पहला वैश्विक विवरण भी प्रस्तुत किया गया है. अनुमान के मुताबिक, 2021 में गर्भावस्था या बच्चे के जन्म के कारण लगभग 40,000 ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हुई। 2020 में यह संख्या 282,000 थी, जो बढ़कर 2021 में 322,000 हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड संक्रमण के कारण होने वाली प्रत्यक्ष जटिलताओं के अलावा, ये मौतें प्रसूति सेवाओं में व्यापक रुकावटों के कारण भी हुईं. रिपोर्ट में कहा गया है, यह महामारी और अन्य आपात स्थितियों के दौरान ऐसी देखभाल सुनिश्चित करने के महत्व को उजागर करता है, जिसमें यह ध्यान दिया गया है कि गर्भवती महिलाओं को नियमित सेवाओं और जांचों के साथ-साथ चौबीसों घंटे तत्काल देखभाल तक विश्वसनीय पहुंच की आवश्यकता होती है.
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