हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन टग का घरेलू स्तर पर विकास न केवल एक तकनीकी उन्नति है, बल्कि यह ग्लोबल ग्रीन मैरिटाइम मूवमेंट का नेतृत्व करने की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रतीक भी है. उक्त बातें केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने देश की जहाज निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए कोचीन शिपयार्ड में एडवांस मशीनरी का अनावरण करने के बाद कही.
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. केंद्रीय मंत्री ने ‘प्रोआर्क सीएनसी प्लाज्मा कम ऑक्सी फ्यूल प्लेट कटिंग मशीन’ का उद्घाटन किया. यह एक एडवांस्ड फैसिलिटी है जो कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की जहाज निर्माण क्षमताओं को बढ़ाएगी. यह सिस्टम की मदद से रियल टाइम पर निगरानी, पूर्वानुमानित रखरखाव और उत्पादन दक्षता में वृद्धि की जा सकती है, जो सीधे जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति (एसबीएफएपी) 2.0 के उद्देश्यों के साथ अनुरूप है.
उन्होंने ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (जीटीटीपी) के तहत विकसित किए जा रहे दो ग्रीन टग के लिए स्टील कटिंग समारोह की भी अध्यक्षता की, जो मंत्रालय का एक प्रमुख सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव है. कोचीन शिपयार्ड इन हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन टग का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी है. सोनोवाल ने कहा, आईएनएस विक्रांत के निर्माण से लेकर 175 से अधिक जहाजों की डिलीवरी और 2,500 से अधिक जहाज मरम्मत प्रोजेक्ट्स को पूरा करने तक, कोचीन शिपयार्ड पीएम मोदी की आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है.
सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, उनके (पीएम मोदी) नेतृत्व में भारत का मैरिटाइम सेक्टर विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, राष्ट्रीय विस्तार और एमईटीआई जैसे संस्थानों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जो कल के कुशल मैरिटाइम वर्कफोर्स को आकार दे रहे हैं. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत के सबसे बड़े ट्रेलर सक्शन हॉपर ड्रेजर के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड द्वारा आईएचसी हॉलैंड के साथ साझेदारी में ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए किया जा रहा है.