FY25 में भारत का फार्मास्युटिकल मार्केट (Pharmaceutical Market) 8.4% की दर से बढ़ा है. मार्केट रिसर्च फर्म PharmaRack के मुताबिक, प्रमुख चिकित्सीय श्रेणियों में कीमतों में वृद्धि के चलते यह ग्रोथ देखने को मिली है.
कौन से सेगमेंट रहे मजबूत?
- हृदय रोग श्रेणी में 10.8 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि दर्ज की गई.
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में 10.2 प्रतिशत और गैर-मधुमेह श्रेणी में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
इन तीनों श्रेणियों ने मिलकर बाजार की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा किया और कुल मार्केट वैल्यू को 2.25 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचाया.
बिक्री के मामले में कौन सी दवाएं आगे रहीं?
- GSK की एंटीबायोटिक दवा ऑगमेंटिन ₹816 करोड़ की बिक्री के साथ टॉप पर रही.
- USV की डायबिटीज रोधी दवा ग्लाइकोमेट-GV 803 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर रही.
पेटेंट खत्म और नई पेशकशों का असर
मार्च 2025 में डायबिटीज की दवा एम्पाग्लिफ्लोजिन का पेटेंट खत्म होने से बाजार में हलचल रही. इसके साथ ही मोटापे की नई दवा मौनजारो की भारत में एंट्री ने भी बदलाव लाया. PharmaRack की वाइस प्रेसिडेंट (कॉमर्शियल), शीतल सापले के मुताबिक, पेटेंट खत्म होते ही 19 कंपनियों ने 86 ब्रांड्स के साथ एम्पाग्लिफ्लोजिन और उसके कॉम्बिनेशन पेश किए. इसकी वजह से इस मॉलिक्यूल की कीमत में 85 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई- जहां पहले एक टैबलेट की कीमत ₹60-70 थी, वहीं अब यह ₹5-15 तक पहुंच गई है.